Coronavirus: क्या व्हिस्की और शहद में छुपा है कोरोनावायरस का इलाज, शख्स का दावा- बिना दवा खाए हुआ ठीक
द सन की रिपोर्ट के मुताबिक, कोनोर रीड नाम के एक 25 वर्षीय शख्स ने दावा किया है कि कोरोनावायरस से संक्रमित होने के बाद वुहान के एक अस्पताल में भर्ती जरूर हुआ, लेकिन उसने दवाइयों का सेवन नहीं किया. शख्स का दावा है कि उसने दवा खाए बिना खुद से अपना इलाज किया. कोनोर का कहना है कि उसने व्हिस्की और शहद पीकर खुद को इस जानलेवा बीमारी से बचा लिया है.
Coronavirus: चीन (China) के वुहान (Wuhan) शहर से फैले खतरनाक कोरोनावायरस (Coronavirus) का प्रकोप दुनिया भर में फैल रहा है. इस खतरनाक वायरस (Deadly Virus) से निपटना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है. आलम तो यह है कि इससे संक्रमित होने वालों की तादात लगातार बढ़ती ही जा रही है. इस वायरस के संक्रमण के चलते चीन में अब तक करीब 361 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि महज 24 घंटे में दुनियाभर में करीब 2800 नए संक्रमित मरीजों की पुष्टि हुई है. हालांकि संक्रमित लोगों के इलाज की हर संभव कोशिश की जा रही है, लेकिन इसका अब तक कोई कारगर इलाज नहीं मिल पाया है. वहीं एक शख्स ने इस कोरोनावायरस को लेकर एक बड़ा दावा किया है.
द सन (The Sun) की रिपोर्ट के मुताबिक, कोनोर रीड नाम के एक 25 वर्षीय शख्स ने दावा किया है कि कोरोनावायरस से संक्रमित होने के बाद वो वुहान के एक अस्पताल में भर्ती जरूर हुआ, लेकिन उसने दवाइयों का सेवन नहीं किया. शख्स का दावा है कि उसने दवा खाए बिना खुद से अपना इलाज किया. कोनोर का कहना है कि उसने व्हिस्की (Whiskey) और शहद (Honey) पीकर खुद को इस जानलेवा बीमारी से बचा लिया है. हालांकि डॉक्टरों ने उसके इस दावे की कोई पुष्टि नहीं की है. यह भी पढ़ें: CoronaVirus: केरल में कोरोनावायरस का तीसरा पॉजिटिव केस, चीन के वुहान से लौटा था मरीज
कोनोर रीड ब्रिटेन के वेल्स के रहने वाले हैं और पिछले कुछ महीनों से वुहान में पोस्टेड थे, जहां से कोरोनावायरस को प्रकोप फैला है. कोनोर भी इस वायरस की चपेट में आ गए, लेकिन उनका कहना है कि वो व्हिस्की और शहद से ठीक हुए हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, कोरोनावायरस से संक्रमित होने वाले कोनोर पहले ब्रिटिश नागरिक हैं.
बताया जाता है कि करीब दो महीने पहले ही कोनोर इस खतरनाक वायरस से संक्रमित हो गए थे, जब उन्होंने अस्पताल में जांच कराई तो इस संक्रमण की पुष्टि हुई. उन्होंने कहा कि इस वायरस के इलाज के लिए उन्होंने हॉट व्हिस्की में शहद मिलाकर पीना शुरू कर दिया और डॉक्टर द्वारा बताए गए एंटीबायोटिक्स का सेवन नहीं किया. इस देसी इलाज का उन पर काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ा और अस्पताल से उन्हें छुट्टी मिल गई.