Health Benefits of Jamun: काले-रसीले जामुन के भीतर छिपी है जादुई शक्ति! जानें किन-किन बीमारियों का है इसमें समाधान!

गरमी की बढ़ती तीक्ष्णता के साथ ही बाजार में ऐसे फल बहुतायत उपलब्ध हैं, जो तमाम औषधीय गुणों से युक्त होते हैं, ये भले ही आकार में छोटे हों, मगर इनमें बड़ी-बड़ी समस्याओं का समाधान करने में सक्षम हैं. ऐसा ही एक फल है जामुन.

काला जामुन (Photo Credits : Pixabay)

गरमी की बढ़ती तीक्ष्णता के साथ ही बाजार में ऐसे फल बहुतायत उपलब्ध हैं, जो तमाम औषधीय गुणों से युक्त होते हैं, ये भले ही आकार में छोटे हों, मगर इनमें बड़ी-बड़ी समस्याओं का समाधान करने में सक्षम हैं. ऐसा ही एक फल है जामुन. आयुर्वेद के अनुसार जामुन में विटामिन ए, विटामिन सी, कैल्शियम, आयरन, फाइबर, मैग्नीशियम, पोटेशियम, ग्लूकोज, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट जैसे आवश्यक एवं महत्वपूर्ण पोषक तत्व एवं खनिज प्रचुर मात्रा में मौजूद हैं. इसमें ग्लूकोज एवं फ्रुक्टोज भी हैं. यानी जामुन में वे सभी तत्व होते हैं, जिनकी शरीर को आवश्यकता होती है. यही वजह है कि मामूली से दिखने वाले इस काले-रसीले फल में दिल, जिगर, रक्त, दांतों, त्वचा, रक्त आदि तमाम समस्याओं का समाधान छिपा हुआ है. आइये जानें यह फल हमारी सेहत के लिए कितना लाभकारी हो सकता है.

हीमोग्लोबिन का स्तर सुधारता है!

विटामिन सी एवं आयरन से भरपूर जामुन हीमोग्लोबिन का लेवल बढ़ाता है. हीमोग्लोबिन के स्तर पर नियंत्रण रखने से रक्त शरीर के प्रत्येक अंगों तक अधिक ऑक्सीजन ले जाने में समर्थ होता है. जामुन में मौजूद आयरन शरीर में रक्त कमी की पूर्ति भी करता है.

त्वचा से मुंहासे हटाये!

जामुन में एस्ट्रिंजेंट गुण होता है, जो मुहांसों को साफ कर त्वचा को स्निग्ध और दाग मुक्त बनाता है. तैलीय त्वचा वालों को जामुन का सेवन किसी ना किसी रूप में पूरे सीजन करना चाहिए. इसमें निहित एस्ट्रिंजेंट त्वचा को कोमल और ताजा बनाता है.

त्वचा और आंखों को सेहतमंद बनाता है!

जामुन के निरंतर सेवन से हीमोग्लोबिन का स्तर सुधारता है. जामुन में मौजूद आयरन, विटामिन सी, ए और तमाम खनिज लवण इत्यादि रक्त को शुद्ध करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इससे आपकी त्वचा एवं आंखें स्वस्थ एवं चमकदार रहती हैं.

ह्रदय सुचारू रूप से कार्य करता है

आहार विशेषज्ञों के अनुसार 100 ग्राम जामुन में लगभग 55 मिलीग्राम पोटेशियम होता है, जो उच्च रक्तचाप, हृदय रोग एवं स्ट्रोक जैसी बीमारियों पर नियंत्रण रखने के लिए पर्याप्त है. इससे शरीर की धमनियां भी फ्लेक्सिबल रहती हैं.

दांतों और मसूड़ों को मजबूत बनाता है!

जामुन की पत्तियों में जीवाणुरोधी गुण होते हैं. जामुन की मुलायम पत्तियों को सुखाकर पीसें और दांतों पर मलें. ऐसा करने से मसूड़ों की ब्लीडिंग रोकी जा सकती है. जामुन की पत्तियों से तैयार इस पाउडर को पानी में घोलकर इससे कुल्ला करने से मुंह के छाले ठीक होते हैं, साथ ही दांत भी मजबूत होते हैं.

मधुमेह

जामुन में ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जो ब्लड शुगर के स्तर को सामान्य रखता है. मधुमेह के मरीजों के लिए जामुन की गुठली भी किसी रामबाण से कम नहीं है. इसके लिए जामुन की गुठली को सुखाकर उसे बारीक पीस कर पाउडर बनायें. इस पाउडर का आधा चम्मच खाली पेट पानी के साथ फांक लें. ऐसा करने से शुगर कंट्रोल में रहता है. इससे डायबिटीज या मधुमेह जैसी बीमारी में अत्यधिक लाभ मिलता है, तथा शुगर कंट्रोल में रहती है.

इम्यूनिटी मजबूत होता है

इस बात का भी रखें ध्यान

जरूरत से ज्यादा जामुन का सेवन शरीर में जकड़न और बुखार आने का कारण बन सकता है. इसके अलावा जामुन की गुठलियों से बने पाउडर को अपवाद मानें तो जामुन का सेवन खाली पेट हरगिज नहीं करना चाहिए, और ना ही जामुन खाने के बाद दूध पीना चाहिए.

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