Govardhan Puja 2018: कैसे हुई गोवर्धन पूजा की शुरुआत, जानें पूजन का शुभ मुहूर्त और विधि

अन्नकूट या गोवर्धन पूजा के दिन लोग आंगन में गाय के गोबर से भगवान गोवर्धन नाथ (श्री कृष्ण) जी की अल्पना बनाकर उनकी पूजा करते हैं, फिर गिरिराज को खुश करने के लिए लोग उन्हें अन्नकूट का भोग लगाते हैं.

गोवर्धन पूजा 2018 (Photo Credits: Facebook)

Govardhan Puja 2018:  पुरे देश में दीपों का त्योहार दिवाली पारंपरिक आस्था और उल्लास के साथ धूमधाम से मनाया जा रहा है. दीपावली यानी लक्ष्मीपूजन के एक दिन बाद कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाता है. इस साल यह पूजा 8 नवंबर को होगी. कई क्षेत्रों में इसे अन्नकूट पूजा भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है अन्न का समूह. गोवर्धन पूजा के दौरान कई तरह के अन्न भगवान को चढ़ाए जाते हैं और फिर प्रसाद के रूप में सभी को दिया जाता है. इस पूजा में भगवान को कई प्रकार के मिष्ठान, पकवानों का भोग लगाया जाता है. बताया जाता है कि गोवर्धन पूजा की परंपरा की शुरुआत द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण के अवतार लेने के बाद से हुई थी और इसे ब्रजवासियों का प्रमुख त्योहार माना जाता है.

अन्नकूट या गोवर्धन पूजा के दिन लोग आंगन में गाय के गोबर से भगवान गोवर्धन नाथ (श्री कृष्ण) जी की अल्पना बनाकर उनकी पूजा करते हैं, फिर गिरिराज को खुश करने के लिए लोग उन्हें अन्नकूट का भोग लगाते हैं.

 गोवर्धन पूजा से जुड़ी पौराणिक कथा

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, श्रीकृष्ण ने ब्रजवासियों को मूसलधार वर्षा से बचाने के लिए 7 दिन तक लगातार अपनी सबसे छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठाए रखा. उन्होंने ऐसा करके देवराज इंद्र के घमंड को चकनाचूर कर दिया और उनके सुदर्शन चक्र के प्रभाव से ब्रजवासियों पर जल की एक बूंद भी नहीं पड़ी. सभी ग्वाले और गोपिकाएं उसकी छाया में सुखपूर्वक रहे.

जिसके बाद ब्रह्माजी ने इन्द्र को बताया कि पृथ्वी पर श्रीकृष्ण ने जन्म ले लिया है, उनसे बैर लेना उचित नहीं है. तत्पश्चात श्रीकृष्ण अवतार की बात जानकर इन्द्रदेव अपने इस कार्य पर बहुत लज्जित हुए और इसके लिए उन्होंने श्रीकृष्ण से क्षमा-याचना की. यह भी पढ़ें: नवंबर 2018: इस महीने पड़ रहे हैं कई बड़े व्रत और त्योहार, यहां है तिथियों की पूरी लिस्ट

भगवान श्रीकृष्ण ने 7वें दिन गोवर्धन पर्वत को नीचे रखा, तब से हर साल कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा के दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा करके अन्नकूट उत्सव मनाया जाने लगा. कहा जाता है कि इस दिन भगवान के निमित्त भोग और नैवेद्य बनाया जाता है जिन्हें 'छप्पन भोग' कहते हैं. इस पर्व को मनाने से मनुष्य को लंबी आयु तथा आरोग्य की प्राप्ति होती है साथ ही वह जीवनपर्यंत सुखी और समृद्ध रहता है.

 गोवर्धन पूजा की विधि-  

गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त 

कार्तिक प्रतिपदा:  8 नवंबर 2018 (गुरुवार)

सुबह का मुहूर्त: 06:37 से 08:48 बजे तक.

शाम का मुहूर्त: 15:20 से 17:31 बजे तक.

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