World Blood Donor Day 2020: रक्तदान दे सकता है दूसरों को जीवन दान, जानें इस दिवस का इतिहास और महत्व
अगर आपातकाल में आसानी से रक्त उपलब्ध न हो तो इससे किसी की जान भी जा सकती है. हर साल कई लोग खून की कमी या समय पर खून न मिल पाने की वजह से अपनीं जान गंवा देते हैं. इस चुनौती से निपटने के लिए ही हर साल 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है. यह दिवस लोगों को रक्तदान करने के लिए प्रोत्साहित करता है.
World Blood Donor Day 2020: रक्तदान (Blood Donation) किसी को जीवनदान दे सकता है, इसलिए स्वस्थ व्यक्ति को रक्तदान जरूर करना चाहिए. चिकित्सकों का भी कहना है कि एक स्वस्थ व्यक्ति को साल में कम से कम तीन बार रक्तदान करना चाहिए. सबसे खास बात तो यह है कि रक्तदान करने से सेहत (Health) पर कोई नकरात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है और न ही कमजोरी महसूस होती है. रक्त (Blood) की अहमियत का इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगर आपातकाल में आसानी से रक्त उपलब्ध न हो तो इससे किसी की जान भी जा सकती है. हर साल कई लोग खून की कमी या समय पर खून न मिल पाने की वजह से अपनी जान गंवा देते हैं. इस चुनौती से निपटने के लिए ही हर साल 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस (World Blood Donor Day) मनाया जाता है. यह दिवस लोगों को रक्तदान करने के लिए प्रोत्साहित करता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) के आंकड़ों के अनुसार, एकत्र किए गए रक्त का 42 फीसदी अमीर देशों से लिया जाता है, जहां दुनिया की आबादी का केवल 16 फीसदी हिस्सा रहता है. चलिए जानते हैं वर्ल्ड ब्लड डोनर डे का इतिहास और महत्व.
विश्व रक्तदाता दिवस का इतिहास
हर साल 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है. दरअसल, साल 1997 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने स्वैच्छिक रक्तदान की योजना बनाई थी और विश्व के सभी देशों ने स्वैच्छिक रक्तदान का संकल्प लिया था. विश्व रक्तदाता दिवस के अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम का पहला आयोजन 2005 में हुआ था. संयुक्त राष्ट्र ने कार्ल लैंडस्टीनर की जयंती के दिन यानी 14 जून को इस दिवस को मनाने का फैसला किया. वे एक नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक थे, जिन्होंने एबीओ रक्त समूह प्रणाली की खोज की थी.
विश्व रक्तदाता दिवस 2020 थीम
हर साल विश्व रक्तदाता दिवस को एक विशेष थीम के तहत मनाया जाता है, लेकिन इस साल कोरोना वायरस महामारी के चलते विषय निर्धारित नहीं किया गया है. कोरोना संकट को देखते हुए इस साल विश्व रक्तदाता दिवस को वर्चुअल इवेंट के जरिए मनाया जा रहा है. इससे पहले के पांच विषय इस प्रकार हैं.
2019- सभी के लिए सुरक्षित रक्त (Safe Blood for All)
2018- किसी और के लिए हो, खून दो, जीवन साझा करो (Be there for someone else. Give blood. Share life)
2017- रक्त दें, अभी दें, अक्सर देते रहें (Give Blood. Give Now. Give Often)
2016- रक्त हम सभी को जोड़ता है (Blood connects us all)
2015- मेरी जान बचाने के लिए धन्यवाद (Thank you for saving my life) यह भी पढ़ें: World Blood Donor Day 2020: ब्लड डोनर्स की वजह से आज कई लोग जी रहे हैं सुरक्षित जिंदगी
विश्व रक्तदाता दिवस का महत्व
भारत में औसतन एक घंटे में 55 सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें प्रति घंटे करीब 17 लोग असमय काल के गाल में समा जाते हैं, इसकी सबसे बड़ी वजह से समय पर रक्त का न मिल पाना, इसलिए हर स्वस्थ व्यक्ति को रक्तदान करना चाहिए, ताकि किसी को दोबारा जिंदगी मिल सके. दुनिया भर में रक्तदान की जरूरत है, ताकि सामान्य से लेकर आपात परिस्थितियों में जरूरतमंदों को आसानी से रक्त मिल सके.
वर्ल्ड ब्लड डोनर डे मनाने का मकसद लोगों को यह सीखाना है कि सुरक्षित रक्त कितना महत्वपूर्ण है और यह उन लोगों के लिए कैसे संजीवनी बन सकता है, जिन्हें इसकी सख्त जरूरत है. इसके साथ ही उनके के बीच रक्तदान को लेकर जागरूकता फैलाना है, ताकि हर कोई स्वेच्छा से रक्तदान कर दूसरों को जीवन दान देने में अपनी अहम भूमिका निभा सके.