Veer Savarkar Jayanti 2021 Quotes: वीर सावरकर जयंती पर उनके ये महान विचार और कोट्स भेजकर अपने प्रियजनों को दें बधाई
विनायक दामोदर सावरकर को वीर सावरकर के नाम से भी जाना जाता है. विनायक दामोदर सावरकर, एक प्रमुख हिंदू विचारक, स्वतंत्रता सेनानी, वकील और दार्शनिक, होने के साथ-साथ एक लेखक और भाषाविद् भी थे. उन्होंने मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी. ब्रिटिश शासन से कभी प्रभावित नहीं हुए, उन्हें जेल में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. आज 28 मई को उनका जन्मदिन है.
विनायक दामोदर सावरकर (Vinayak Damodar Savarkar) को वीर सावरकर (Veer Savarkar) के नाम से भी जाना जाता है. विनायक दामोदर सावरकर, एक प्रमुख हिंदू विचारक, स्वतंत्रता सेनानी, वकील और दार्शनिक, होने के साथ-साथ एक लेखक और भाषाविद् भी थे. उन्होंने मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी. ब्रिटिश शासन से कभी प्रभावित नहीं हुए, उन्हें जेल में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. आज 28 मई को उनका जन्मदिन (Veer Savarkar Jayanti 2021 ) है. इस वर्ष स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर की 138वीं जयंती भारत और विदेशों में मनाई जा रही है. देशभक्त सावरकर का संपूर्ण जीवन युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा है. इसका प्रत्यय उनके कोट्स और दूरगामी विचारों से आता है. इसलिए आज उनके जन्मदिन के अवसर पर भारत माता के सपूतों में से एक वीर सावरकर, जो आने वाली पीढ़ी के लिए आदर्श हैं, उनके कोट्स और विचारों को Whatsapp, message, sms के जरिए आने वाली पीढ़ी तक पहुंचाएं. नीचे दिए गए ग्रीटिंग्स आप डाउनलोड भी कर सकते हैं. यह भी पढ़ें: Surdas jayanti 2021 Greetings: कवि सूरदास जयंती पर ये हिंदी विशेज WhatsApp Stickers, Facebook Greetings के जरिए भेजकर दें बधाई
वीर सावरकर एक क्रांतिकारी, भाषा शुद्धि और लिपि शुद्धि आंदोलन के समर्थक थे. उन्होंने मराठी भाषा को कई शब्द दिए हैं. इस बीच उन्होंने विज्ञान की वकालत करते हुए जातिगत भेदभाव का भी कड़ा विरोध किया था.
हे मातृभूमी,
तुजसाठी मरण ते जनन
तुजवीण जनन ते मरण
-वीर सावरकर
अनेक फुले फूलती । फुलोनिया सुकोन जाती ।।
कोणी त्यांची महती गणती ठेविली असे ।।
मात्र अमर होय ती वंशलता । निर्वंश जिचा देशाकरिता ।।
-वीर सावरकर
उदात्त ध्येयासाठी केलेलं कोणतेही बलिदान वाया जात नाही.
-वीर सावरकर
ज्येष्ठांच्या अनुमतीसाठी अडुन बसायचे नसते
त्यांच्या आशीर्वादाची अपेक्षा बाळगायची असते.
-वीर सावरकर
आपण एकटे असलो तरी हरकत नाही. आपल्यामागे कुणी येवो ना येवो .
जे आपल्याला करावसं वाटत ते करण्यातच आपल्या जीवनाची सार्थकता आहे.
- वीर सावरकर
स्वातंत्र्यवीर सावरकर ने 83 साल का जीवन जिया. जीवन में रुचि नहीं है ऐसा विचार आने पर उन्होंने आत्मसमर्पण का निर्णय लिया. उन्होंने उसी रास्ते पर चलने का फैसला किया जिस तरह आज तक महापुरुषों और संतों ने किया था. 26 फरवरी, 1966 को उनका निधन हो गया. सावरकर को दी गई वीर की उपाधि अभी भी समाज के कुछ वर्गों में विवादित है. लेकिन आज उनके जन्मदिन के मौके पर सावरकर को मानने वाले उनके चाहने वालों के लिए उनके विचार बेहद प्रेरणादायी हैं. उन्हें शत शत नमन!