तुलसीदास जयंती: यह पांच बातें बदल देगी आपकी जिंदगी
आज महान हिंदू संत और कवि तुलसीदासजी की 521वीं जयंती है. उनका जन्म उत्तर प्रदेश बाँदा जिले के राजापुर नामक गांव में हुआ था. बाबा नरहरिदास तुलसीदास के गुरु थे, जिन्होंने इन्हें दीक्षा दी. तुलसीदासजी का बचपन बड़ा ही कष्टदायक था.
आज महान हिंदू संत और कवि तुलसीदासजी की 521वीं जयंती है. उनका जन्म उत्तर प्रदेश बाँदा जिले के राजापुर नामक गांव में हुआ था. बाबा नरहरिदास तुलसीदास के गुरु थे, जिन्होंने इन्हें दीक्षा दी. तुलसीदासजी का बचपन बड़ा ही कष्टदायक था. माता-पिता की मृत्यु के बाद इन्हें भीख मांगकर अपना पेट पालना पड़ा था. तुलसीदासजी संस्कृत विद्वान् होने के साथ ही हिन्दी भाषा के प्रसिद्ध और सर्वश्रेष्ठ कवियों में एक माना जाता है. उन्हें महर्षि वाल्मीकि का भी अवतार माना जाता है जो मूल आदिकाव्य रामायण के रचयिता थे. तुलसीदास द्वारा रचित ग्रंथों में रामचरित मानस, कवितावली, विनयपत्रिका, दोहावली, गीतावली, जानकीमंगल, हनुमान चालीसा, बरवै रामायण आदि उल्लेखनीय हैं.
*** चरित्रहीन व्यक्ति की मित्रता उस पानी की बूंद की भांति होती है; जो कमल के फूल की पत्ती पर होते हुए भी उस पर चिपक नहीं सकता.
*** सभी का चेहरा उनकी अंदरुनी विचारधाराओं व भावनाओं का दर्पण होता है. इन विचारधाराओं व भावनाओं को छुपाना लगभग असंभव होता है और देखने वाला उन्हें भाप सकता है.
*** अभिमानी व्यक्ति चाहे वह आपका गुरु, पिता व उम्र अथवा ज्ञान में बड़ा भी हो, उसे सही दिशा दिखाना अति आवश्यक होता है.
*** किसी भी एक उद्देश्य की प्राप्ति के लिए निम्नलिखित गुणों का होना आवश्यक है: उदास व दुखी ना होना, अपने कर्तव्य के पालन करने की क्षमता, कठिनाइयों का बलपूर्वक सामना करने की क्षमता.
*** जगाया तो उसी को जा सकता है जो सो रहा हो; किंतु जो जागते हुए भी जानबूझकर सोने का बहाना कर रहा है; उसे जगाने से क्या लाभ?