Swami Vivekananda Jayanti 2022 Wishes: स्वामी विवेकानंद जयंती पर इन हिंदी WhatsApp Messages, GIF Images और Facebook Greetings के जरिए दें शुभकामनाएं
स्वामी विवेकानंद जयंती 2022 (Photo Credits: File Image)

Swami Vivekananda Jayanti 2022 Wishes in Hindi: स्वामी विवेकानंद जयंती (Swami Vivekananda Jayanti) को हर साल 12 जनवरी के दिन भारत के अलावा विदेशों में भी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. उनकी जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस (National Youth Day) के तौर पर मनाया जाता है. भारतीय संस्कृति और आध्यात्म की दुनिया भर में छाप छोड़ने वाले स्वामी विवेकानंद जी का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता के एक साधारण परिवार में हुआ था. बचपन से ही वो एक तेजस्वी बालक थे और उनका रुझान साहित्य, संगीत, तैराकी,घुड़सवारी और कुश्ती के प्रति देखते ही बनता था. हालांकि उनके जीवन में एक ऐसा क्षण भी आया जब उनका ध्यान आध्यात्म की ओर आकर्षित हुआ. उन्होंने अपनी तेजस्वी वाणी और अपने व्यक्तित्व से दुनिया के कई देशों में भारत की संस्कृति और आध्यात्म की अनोखी छाप छोड़ी. उन्होंने धर्म को लोगों की सेवा और सामाजिक परिवर्तन से जोड़ने वाली अपनी विचारधारा को लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया.

स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर उनकी विचारधारा और उनके द्वारा किए गए महत्वपूर्ण कार्यों को लोगों तक पहुंचाने की कोशिश की जाती है, जिससे आज की युवा पीढ़ी प्रेरणा ले सके. उनकी जयंती के इस खास मौके पर लोग एक-दूजे को बधाई देते हैं. ऐसे में आप भी इन खूबसूरत हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, जीआईएफ इमेजेस, फेसबुक ग्रीटिंग्स के जरिए शुभकामनाएं दे सकते हैं.

1- स्वामी विवेकानंद जयंती 2022

स्वामी विवेकानंद जयंती 2022 (Photo Credits: File Image)

2- स्वामी विवेकानंद जयंती 2022

स्वामी विवेकानंद जयंती 2022 (Photo Credits: File Image)

3- स्वामी विवेकानंद जयंती 2022

स्वामी विवेकानंद जयंती 2022 (Photo Credits: File Image)

4- स्वामी विवेकानंद जयंती 2022

स्वामी विवेकानंद जयंती 2022 (Photo Credits: File Image)

5- स्वामी विवेकानंद जयंती 2022

स्वामी विवेकानंद जयंती 2022 (Photo Credits: File Image)

जब स्वामी विवेकानंद जी 20 वर्ष के थे, तब उनके सिर से पिता विश्वनाथ दत्त का साया उठ गया. पिता के निधन के बाद उन्हें गरीबी और भोजन की समस्या का सामना करना पड़ा, बावजूद इसके उन्होंने जीवन के संघर्षों से कभी हार नहीं मानी. उनके जीवन के संघर्ष और उनकी महान विचारधारा आज भी करोड़ों युवाओं के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं. स्वामी विवेकानंद रामकृष्ण परमहंस के प्रिय शिष्य थे और उन्होंने ही रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी.