Swami Vivekananda Jayanti 2020: स्वामी विवेकानंद की 157वीं जयंती आज, प्रियजनों को WhatsAppp, Facebook, Twitter, Instagram के जरिए भेजें ये Inspirational Quotes और दें शुभकामनाएं
आज देशभर में स्वामी विवेकानंद जी की 157वीं जयंती मनाई जा रही है. उनकी जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के तौर पर भी मनाया जाता है. स्वामी विवेकानंद एक ऐसे महापुरुष थे, जिनके महान विचार हर भारतीय के जीवन में ऊर्जा भरने और उन्हें प्रेरित करते हैं. युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद ने दुनिया के सामने हिंदुत्व के विचारों को रखा और सनातन परंपरा को आगे बढ़ाया.
Inspirational Quotes Of Swami Vivekananda: आज देशभर में स्वामी विवेकानंद जी की 157वीं जयंती (Swami Vivekananda 157th Birth Anniversary) मनाई जा रही है. उनकी जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस (National Youth Day) के तौर पर भी मनाया जाता है. 12 जनवरी 1863 को जन्मे स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) ने वेदांत और योग के भारतीय दर्शन को पश्चिमी दुनिया में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. स्वामी विवेकानंद एक ऐसे महापुरुष थे, जिनके महान विचार हर भारतीय के जीवन में ऊर्जा भरकर और उन्हें प्रेरित करते हैं. युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद ने दुनिया के सामने हिंदुत्व के विचारों को रखा और सनातन परंपरा को आगे बढ़ाया. स्वामी रामकृष्ण परमहंस के शिष्य विवेकानंद ने 1893 में अमेरिका के शिकागो की धर्म संसद में भाषण देकर दुनिया को एहसास कराया था कि भारत विश्वगुरु है.
स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं और विचारधाराओं ने दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित किया है और सदा युवाओं को जीवन में आगे बढ़ने के लिए उनके विचार प्रेरित करते रहेंगे. स्वामी विवेकानंद की 157 वीं जयंती के खास मौके पर उनके इन अनमोल वचनों (Inspirational Quotes Of Swami Vivekananda) को सोशल मीडिया के जरिए अपने प्रियजनों को भेजकर आप उन्हें शुभकामनाएं दे सकते हैं, उनके ये अनमोल वचर हर व्यक्ति के जीवन में नई ऊर्जा भर सकते हैं.
स्वामी विवेकानंद के अनमोल विचार (Photo Credits: File image)
महान शख्सियत और देशभक्त संत स्वामी विवेकानंद का जन्म कलकत्ता के एक कुलीन बंगाली परिवार में हुआ था. उन्हें बचपन में नरेंद्रनाथ दत्त के नाम से पुकारा जाता था. उनके पिता विश्वनाथ दत्त एक वकील थे और उनकी माता का नाम भुवनेश्वरी देवी था. स्वामी विवेकानंद योगियों के स्वभाव के साथ पैदा हुए थे और छोटी उम्र से ही ध्यान किया करते थे. 25 साल की उम्र में संन्यास धारण करने वाले स्वामी विवेकानंद ने ही भारत के नैतिक और जीवन के मूल्यों से पूरे विश्व को रूबरू कराया था. इसके साथ ही उन्होंने देश और समाज को नई दिशा प्रदान करने में अहम भूमिका निभाई थी.