Shankaracharya Jayanti 2022 Greetings: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को आदि शंकराचार्य जी की जयंती (Adi Shankaracharya Jayanti) मनाई जाती है, जबकि अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक, आज (06 मई 2022) आदि शंकराचार्य की जयंती मनाई जा रही है. हिंदू धर्म में आदि शंकराचार्य (Adi Shankaracharya) को 'भगवद्पादाचार्य' के नाम से भी जाना जाता है और स्मार्त संप्रदाय के लोग उन्हें भगवान शिव (Lord Shiva) का अवतार मानते हैं. आदि शंकराचार्य ने हिंदुओं को एक सूत्र में बांधने के लिए देश में 4 मठों की स्थापना की थी, इसके साथ ही उन्होंने कई तीर्थ स्थानों की स्थापना और कई ग्रंथों की रचना भी की थी. कहा जाता है कि बहुत कम उम्र में ही उन्होंने देश भ्रमण करके हिंदुओं को अपने धर्म के प्रति जागरूक किया और उन्हें एक सूत्र में बांधने का प्रयास किया. उनके बारे में कहा जाता है कि 8 साल की उम्र में वे चारों वेदों में निपुण हो गए थे, 12 वर्ष की आयु में सभी शास्त्रों में पारंगत, जबकि 16 वर्ष की आयु में शांकरभाष्य और 32 की आयु में उन्होंने देह त्याग दिया था.
कहा जाता है कि शिवगुरु की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने साल 788 ई.पू. को वैशाख शुक्लपक्ष की पंचमी के दिन विशिष्ठा देवी के गर्भ से संतान के रूप में अवतार लिया, तब पिता शिवगुरु ने उनका नाम शंकर रखा था, जो आगे चलकर आदि शंकराचार्य के तौर पर विख्यात हुए. आदि शंकराचार्य जयंती के इस खास मौके पर आप इन ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप विशेज, जीआईएफ, एचडी इमेजेस, वॉलपेपर्स को भेजकर अपनों को बधाई दे सकते हैं.
1- आदि शंकराचार्य जयंती 2022
2- आदि शंकराचार्य जयंती 2022
3- आदि शंकराचार्य जयंती 2022
4- आदि शंकराचार्य जयंती 2022
मान्यताओं के अनुसार, आदि शंकराचार्य का जन्म केरल के कालड़ी नामक गांव में ब्राह्मण परिवार में हुआ था. उनकी माता का नाम विशिष्ठा देवी और पिता का नाम शिवगुरु था. शास्त्रों के अध्ययन के बाद जब आदि शंकराचार्य ने देखा कि देश में हिंदू धर्म पर अन्य धर्मों के लोग अपना प्रभाव डाल रहे हैं तो वो भारत भ्रमण पर निकले और उन्होंने हिंदुओं को एक सूत्र में बांधने का प्रयास किया. कहा जाता है कि जब वे तीर्थ स्थानों की यात्रा करते हुए केदारनाथ पहुंचे तो वहीं पर उनकी मृत्यु हो गई. केदारनाथ में आज भी उनकी समाधि मौजूद है, जहां भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शने के लिए पहुंचते हैं.