Rangbhari Ekadashi 2022 Wishes: रंगभरी एकादशी की इन हिंदी WhatsApp Stickers, Facebook Greetings, HD Images, Wallpapers के जरिए दें शुभकामनाएं

रंगभरी एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए. पूजन के दौरान शिव-पार्वती को गुलाल जरूर अर्पित करें. रंगभरी एकादशी के इस खास अवसर पर आप इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स, एचडी इमेजेस, वॉलपेपर्स के जरिए अपने दोस्तों-रिश्तेदारों को प्यार भरी शुभकामनाएं दे सकते हैं.

रंगभरी एकादशी 2022 (Photo Credits: File Image)

Rangbhari Ekadashi 2022 Wishes in Hindi: हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रंगभरी एकादशी (Rangbhari Ekadashi) मनाई जाती है, जिसे आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi) के नाम से  भी जाना जाता है. साल में आने वाली सभी एकादशियों में यह एकमात्र ऐसी एकादशी है, जिसका संबंध भगवान शिव (Lord Vishnu) और माता पार्वती (Mata Parvati) से भी है. इस दिन काशी विश्वनाथ की नगरी वाराणसी में भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन बाबा विश्वनाथ माता गौरा का गौना कराकर पहली बार काशी आए थे, तब यहां उनका स्वागत रंग और गुलाल से हुआ था. यही वजह है कि काशी विश्वनाथ में रंगभरी एकादशी के दिन बाबा विश्वनाथ और माता गौरा का गौना कराया जाता है. इसके साथ ही इस पर्व को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है.

रंगभरी एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए. पूजन के दौरान शिव-पार्वती को गुलाल जरूर अर्पित करें. रंगभरी एकादशी के इस खास अवसर पर आप इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स, एचडी इमेजेस, वॉलपेपर्स के जरिए अपने दोस्तों-रिश्तेदारों को प्यार भरी शुभकामनाएं दे सकते हैं.

1- रंगभरी एकादशी

रंगभरी एकादशी 2022 (Photo Credits: File Image)

2- रंगभरी एकादशी

रंगभरी एकादशी 2022 (Photo Credits: File Image)

3- रंगभरी एकादशी

रंगभरी एकादशी 2022 (Photo Credits: File Image)

4- रंगभरी एकादशी

रंगभरी एकादशी 2022 (Photo Credits: File Image)

5- रंगभरी एकादशी

रंगभरी एकादशी 2022 (Photo Credits: File Image)

कहा जाता है कि रंगभरी एकादशी के दिन काशी विश्वनाथ की नगरी वाराणसी में भगवान शिव माता पार्वती के साथ नगर भ्रमण करते हैं. इस दिन पूरी नगरी रंग और गुलाल से सराबोर हो जाती है. इसके साथ ही इस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ आंवले के वृक्ष की पूजा की जाती है. मान्यता है कि एकादशी का व्रत करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और जन्म-जन्मांतर के चक्र से मुक्ति मिलती है. इसके साथ ही इस व्रत के प्रभाव से जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है.

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