Rabi Ul Awwal 2019 Moon Sighting: नजर आया रबी-उल-अव्वल का चांद, यहां पढ़ें पल-पल के अपडेट

चांद के दीदार के बाद इस्लाम धर्म के पाक महीने रबी-उल-अव्वल की शुरुआत होगी और करोड़ों मुसलमानों का इंतजार खत्म होगा. इस महीने की 12 तारीख को इस्लाम धर्म के आखिरी संदेशवाहक पैगंबर मुहम्मद साहब का जन्म हुआ था जिन्हें अल्लाह ने रहमत और शांति का पैगाम पहुंचाने के लिए धरती पर भेजा था.

29 Oct, 20:18 (IST)

मुसलमानों के लिए रबी-उल-अव्वल महीना बेहद पाक महीना माना जाता है. इस दौरान पैगंबर मुहम्मद साहब की सीरत से लोगों को रु-ब-रु कराया जाता है.

29 Oct, 19:19 (IST)

पाकिस्तान में नजर आया रबी-उल-अव्वल का चांद. 10 नवंबर को मनाई जाएगी ईद-ए-मिलाद-उन-नबी. 

29 Oct, 18:09 (IST)

रबी-उल-अव्वल का चांद आज उत्तर प्रदेश, बिहार समेत पूरे भारत में आज नजर आ सकता है. चांद के दीदार के बाद इस्लाम धर्म के पाक महीने रबी-उल-अव्वल की शुरुआत होगी.  


Rabi-ul-Awwal 2019:  चांद के दीदार के बाद इस्लाम धर्म (Islam) के पाक महीने रबी-उल-अव्वल की शुरुआत होगी और दुनियाभर के मुसलमानों का इंतजार खत्म होगा. इस महीने की 12 तारीख को इस्लाम धर्म के आखिरी संदेशवाहक पैगंबर मुहम्मद साहब (Paigambar Muhammad Sahab) का जन्म हुआ था, जिन्हें अल्लाह ने रहमत और शांति का पैगाम पहुंचाने के लिए धरती पर भेजा था. पैगंबर मुहम्मद साहब का जन्म सऊदी अरब के पवित्र शहर मक्का में हुआ था. पैगंबर मुहम्मद साहब ने इस्लाम धर्म का प्रचार और प्रसार किया. 12 रबी उल अव्वल को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी मनाई जाती है. इस महीने का इस्लाम में काफी महत्व बताया जाता है.

मुसलमानों के लिए रबी-उल-अव्वल महीना बेहद पाक महीना माना जाता है. इस दौरान पैगंबर मुहम्मद साहब की सीरत से लोगों को रु-ब-रु कराया जाता है. महीने भर इबादत और अच्छे काम किये जाते हैं. यह भी पढ़ें- Rabi Ul Awwal Mubarak Message: शुरू हो रहा है रबी-उल-अव्वल का पाक महीना, अपने परिजनों को इन मैसेजेस के जरिए दें बधाई.

इस्लाम धर्म की मान्यता के मुताबिक, अल्लाह ने पैगंबर मुहम्मद साहब को धरती पर रहमत और शांति के लिए भेजा था. उन्हें अल्लाह ने ऐसे वक्त में धरती पर भेजा जब हर तरफ बुराई का बोलबाला था.

पैगंबर मुहम्मद साहब ने न केवल इस्लाम धर्म का प्रचार-प्रसार किया, बल्कि दुनिया शांति और सद्भाव का पैगाम भी दिया. आपको बता दें कि इस्लाम धर्म में पैगंबर मुहम्मद साहब को सबसे ज्यादा माना जाता है. ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के दिन जुलुस निकाल और नामाज पढ़कर इस ईद को गुजारते हैं.

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