Parshuram Jayanti 2023 Wishes: हैप्पी परशुराम जयंती! शेयर करें ये शानदार WhatsApp Stickers, GIF Greetings, HD Images और वॉलपेपर्स

परशुराम जयंती पर भगवान परशुराम की पूजा-अर्चना करने से न सिर्फ पुण्य फलों की प्राप्ति होती है, बल्कि भक्तों को भगवान विष्णु का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है. इस पर्व की शुभकामना संदेशों के जरिए बधाई दी जाती है. ऐसे में आप भी इस खास अवसर पर इन शानदार विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, एचडी इमेजेस, वॉलपेपर्स के जरिए सबको हैप्पी परशुराम जयंती विश कर सकते हैं.

परशुराम जयंती 2023 (Photo Credits: File Image)

Parshuram Jayanti 2023 Wishes in Hindi: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया (Akshay Tritiya) का त्योहार मनाया जाता है. इसके साथ ही इस दिन भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) के छठे अवतार भगवान परशुराम की जयंती (Parshuram Jayanti) भी मनाई जाती है. माना जाता है कि इसी पावन तिथि पर श्रीहरि ने भगवान परशुराम (Bhagwan Parshuram) के रूप में छठा अवतार लिया था. उनका जन्म प्रदोष काल में हुआ था, इसलिए उनके जन्मोत्सव को अक्षय तृतीया के दिन प्रदोष काल में मनाना उत्तम फलदायी माना जाता है. परशुराम का जन्म त्रेतायुग में भार्गव वंश में हुआ था, उनके पिता का नाम ऋषि जमदग्नि था, जबकि माता का नाम रेणुका था. इस साल परशुराम जयंती 22 अप्रैल 2023 को मनाई जा रही है.

परशुराम जयंती पर भगवान परशुराम की पूजा-अर्चना करने से न सिर्फ पुण्य फलों की प्राप्ति होती है, बल्कि भक्तों को भगवान विष्णु का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है. इस पर्व की शुभकामना संदेशों के जरिए बधाई दी जाती है. ऐसे में आप भी इस खास अवसर पर इन शानदार विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, एचडी इमेजेस, वॉलपेपर्स के जरिए सबको हैप्पी परशुराम जयंती विश कर सकते हैं.

1- परशुराम जयंती की हार्दिक बधाई

परशुराम जयंती 2023 (Photo Credits: File Image)

2- परशुराम जयंती की शुभकामनाएं

परशुराम जयंती 2023 (Photo Credits: File Image)

3- हैप्पी परशुराम जयंती

परशुराम जयंती 2023 (Photo Credits: File Image)

4- परशुराम जयंती 2023

परशुराम जयंती 2023 (Photo Credits: File Image)

5- शुभ परशुराम जयंती

परशुराम जयंती 2023 (Photo Credits: File Image)

भगवान परशुराम को लेकर ऐसी मान्यता प्रचलित है कि उनका जन्म ब्राह्मणों और ऋषियों पर होने वाले अत्याचारों को खत्म करने के लिए हुआ था. कहा जाता है कि एक बार जब परशुराम भगवान शिव से मिलने के लिए कैलाश पहुंचे थे, तब गणेश जी ने उन्हें जाने से रोक दिया था, जिससे क्रोधित होकर उन्होंने अपने फरसा से गणेश जी का एक दांत तोड़ दिया था. इस घटना के बाद भगवान गणेश एकदंत कहलाने लगे. मान्यता है कि इस दिन परशुराम की विधिवत पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है.

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