Navratri 2018: नवरात्रि के 5वें दिन ज्ञान की देवी सरस्वती की उपासना का है विशेष महत्व, जानें कैसे करें उनकी पूजा
शास्त्रों में भी नवरात्रि के दौरान सरस्वती पूजन का विशेष महत्व बताया गया है. कहा जाता है कि जो व्यक्ति नवरात्रि में मां सरस्वती की पूजा का पूजन करता है उसे ज्ञान, विद्या और बुद्धि का वरदान मिलता है
नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा का विधान है, लेकिन शारदीय नवरात्रि के दौरान मां के इन स्वरूपों के साथ-साथ ज्ञान की देवी सरस्वती, धन की देवी लक्ष्मी और महाकाली का साथ में पूजन किया जाता है. आज शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन है और इस दिन मां सरस्वती का आह्वान किया जाता है. शास्त्रों में भी नवरात्रि के दौरान सरस्वती पूजन का विशेष महत्व बताया गया है. कहा जाता है कि जो व्यक्ति नवरात्रि में मां सरस्वती का पूजन करता है उसे ज्ञान, विद्या और बुद्धि का वरदान मिलता है. इसके अलावा वो अपने भक्तों को संगीत कला और आध्यात्म का आशीर्वाद भी प्रदान करती हैं.
मान्यता है कि अगर किसी की कुंडली में विद्या और बुद्धि का योग नहीं है या फिर शिक्षा में किसी तरह की कोई बाधा आती है तो नवरात्रि के दौरान मां सरस्वती की पूजा करके इस बाधा को दूर किया जा सकता है.
सरस्वती पूजन की सामग्री
सरस्वती जी की मूर्ति अथवा चित्र, 3 पान के पत्ते, 5 सुपारी, लौंग, इलायची, गुड़, बूंदी, मिष्ठान, मौसमी फल, नारियल, सरस्वती मां और गणेश जी के लिए दो पीले वस्त्र, चौकी पर बिछाने और नारियल पर लपेटने के लिए 2 लाल वस्त्र, 1 मिट्टी का कलश, आम के पत्ते, धूप, दीप, घी, कपूर, दूर्वा, गंगाजल, पुष्प, पुष्पमाला, अक्षत, सिंदूर, रक्त चंदन, जल-पात्र, आसन, चौकी अथवा लकड़ी का पाट इत्यादि. यह भी पढ़ें: Happy Navratri 2018: इन मैसेजेस के जरिए अपने दोस्तों व परिवार वालों को दें नवरात्रि की शुभकामनाएं
व्रत और पूजन विधि
- सुबह स्नान करने के बाद अपने पूजा घर को अच्छे से साफ कर लें.
- चौकी पर लाल रंग के कपड़े को बिछाकर भगवान गणेश और मां सरस्वती की मूर्ति स्थापित करें.
- मूर्ति स्थापित करने के बाद कलश की स्थापना की जानी चाहिए.
- एक आसन बिछाएं और उस पर बैठ जाएं. इसके बाद माता सरस्वती का पूजन करें.
- पूजन के दौरान भगवान गणेश और मां सरस्वती की प्रतिमा को स्नान कराएं.
- स्नान कराने के बाद माता को फूल, माला और श्रृंगार की सारी सामग्रियां अर्पित करें.
- देवी सरस्वती श्वेत वस्त्र धारण करती हैं, इसलिए उन्हें श्वेत रंग के वस्त्र अर्पित करना शुभ माना जाता है.
- उन्हें पीले रंग के फल और बूंदी के प्रसाद का भोग लगाएं. इस दिन उन्हें खीर का भोग भी लगाया जा सकता है. यह भी पढ़ें: Navratri 2018: मां दुर्गा के छठे स्वरूप देवी कात्यायनी की आराधना से दूर होती है विवाह में आने वाली बाधारखें इन बातों का ख्याल
- सरस्वती पूजन के दौरान पीले या सफेद रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए. काले या लाल वस्त्र धारण करने से बचें.
- इसके बाद पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके पूजा की शुरुआत करें.
- मां सरस्वती की पूजा सूर्योदय के बाद ढाई घंटे में या सूर्यास्त के बाग ढाई घंटे के भीतर करनी चाहिए.
- मां सरस्वती को श्वेत चंदन के साथ पीले और सफेद फूल अर्पित करना चाहिए.
- मा सरस्वती के बीज मंत्र "ॐ ऐं नमः" या "ॐ सरस्वत्यै नमः" मंत्र का जप करना चाहिए.
- इस दिन केवल सात्विक भोजन ही करना चाहिए तथा क्रोध से बचना चाहिए.