Mauni Amavasya 2019: मौनी अमावस्या पर बना है यह दुर्लभ संयोग, जानिए इस दिन मौन रहना और गंगा में डुबकी लगाना क्यों माना जाता है खास
आज यानी 4 फरवरी को मौनी अमावस्या है, जिसका हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया जाता है. दरअसल, माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहते हैं. सोमवार के दिन पड़ने के कारण यह अमावस्या बेहद खास मानी जा रही है और करीब पांच दशक बाद इस सोमवती अमावस्या को दुर्लभ संयोग भी बना है.
Mauni Amavasya 2019: आज यानी 4 फरवरी को मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) है, जिसका हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया जाता है. दरअसल, माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहते हैं. सोमवार के दिन पड़ने के कारण यह अमावस्या बेहद खास मानी जा रही है और करीब पांच दशक बाद इस सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) को दुर्लभ संयोग भी बना है. इन दिनों प्रयागराज (Prayagraj) में कुंभ मेला (Kumbh Mela) लगा हुआ है और आज दूसरा शाही स्नान भी है. कुंभ में मौनी अमावस्या का स्नान सबसे बड़ा होता है. मान्यता है कि इस दिन संगम में स्नान करने से व्यक्ति समस्त पापों से मुक्त होकर पुण्य का भागी बनता है.
शास्त्रों के अनुसार, इस दिन मौन रहकर व्रत करने से सिद्धियों की प्राप्ति होती है. जो इस दिन मौन व्रत करके व्रत का समापन करता है उसे मुनि पद की प्राप्ति होती है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, दान करना आम दिनों की अपेक्षा कई गुना ज्यादा फलदायी माना जाता है. यह भी पढ़ें: कुंभ 2019: मौनी अमावस्या पर कुंभ में सुरक्षा बढ़ी, दूसरे राज्य से मंगाए गए स्पेशल फोर्स
मौनी अमावस्या पर बना ये दुर्लभ संयोग
3 फरवरी की रात 11.12 बजे से अमावस्या तिथि प्रारंभ होकर 4 फरवरी यानी सोमवार को देर रात 1.30 बजे समाप्त होगी. ज्योतिष के जानकारों के अनुसार, सोमवार को मौनी अमावस्या पर त्रिग्रही योग और नक्षत्रों की अद्भुत जुगलबंदी बन रही है, जिससे प्रयागराज में अमृत की वर्षा होगी और इस दिन कुंभ में स्नान करने वाले श्रद्धालु इस अमृत का लाभ उठा सकेंगे.
3 करोड़ से ज्यादा लोग कुंभ में करेंगे स्नान
मौनी अमावस्या के इस बेहद खास मौके पर कुंभ मेले में 3 करोड़ से भी ज्यादा लोगों के स्नान करने की उम्मीद जताई जा रही है. बताया जा रहा है कि रविवार की रात 12 बजे से सोमवार सुबह सात बजे तक एक करोड़ से भी ज्यादा लोग स्नान कर चुके हैं और शाम तक 3-4 करोड़ लोगों के स्नान करने की उम्मीद जताई जा रही है. मौनी अमावस्या पर स्नान के लिए संगम में भारी तादात में श्रद्धालु इकट्ठा हुए हैं, जिसके चलते सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. यह भी पढ़ें: कुंभ 2019: मौनी अमावस्या पर दो करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने सुबह 7 बजे तक गंगा में लगाई डुबकी
गौरतलब है कि साल 2013 में प्रयागराज में आयोजित कुंभ मेले के दौरान मौनी अमावस्या के दिन श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने के कारण दुर्घटना हुई थी, जिससे सबक लेते हुए प्रशासन इस बार काफी अलर्ट है. इस दौरान कोई दुर्घटना न घटे, इसके लिए कुंभ का दायरा काफी बढ़ा दिया गया है. लोग एक ही जगह पर इकट्ठे न हों, इसलिए प्रयागराज में गंगा के एक छोर से दूसरे छोर तक घाट तैयार कर दिए गए हैं और सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किए गए हैं.