Maharana Pratap Punyatithi 2022 Quotes: महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि पर अपनों संग शेयर करें महान राजपूत योद्धा के ये प्रेरणादायी विचार
महाराणा प्रताप के प्रेरणादायी विचार (Photo Credits: File Image)

Maharana Pratap Punyatithi 2022 Quotes: राजस्थान स्थित मेवाड़ के महान राजपूत राजा महाराणा प्रताप की आज पुण्यतिथि (Maharana Pratap Punyatithi) है. भारत के गौरवशाली इतिहास में कई महान राजाओं का जिक्र किया जाता है, लेकिन इन सबमें महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) की कहानी कुछ अलग ही है. दरअसल, महाराणा प्रताप एक ऐसे महान योद्धा और युद्ध रणनीति में कुशल राजा थे, जिन्होंने बार-बार मुगलों के हमले से मेवाड़ और मेवाड़ की जनता की रक्षा की. उनके सामने कितनी ही विकट परिस्थितियां आईं, लेकिन उन्होंने कभी अपना सिर दुश्मन के सामने नहीं झुकाया. उनका निधन 19 जनवरी 1597 को हुआ था, जबकि उनका जन्म 9 मई 1540 को मेवाड़ के कुंभलगढ़ में हुआ था. उनके पिता का नाम उदय सिंह द्वितीय और माता का नाम महारानी जयवंता बाई था.

मेवाड़ के राजपूत राजा महाराणा प्रताप न सिर्फ एक शूरवीर योद्धा थे, बल्कि एक महाना राजा के तौर पर उनका नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज है. इतिहास के पन्नों में सदा-सदा के लिए अमर होने वाले महाराणा प्रताप के विचार भी उतने ही महान हैं, जिससे आज भी लाखों-करोड़ों लोग प्रेरणा लेते हैं. आप भी महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि पर उनके इन महान विचारों को अपनों संग शेयर करके उन्हें नमन कर सकते हैं.

1- हल्दीघाटी के युद्ध ने मेरा सर्वस्व छीन लिया हो, पर मेरे गौरव व शान को और बढा दिया.

महाराणा प्रताप के प्रेरणादायी विचार (Photo Credits: File Image)

2- जो अत्यंत विकट परिस्थिति में भी झुक कर हार नही मानते, वो हार कर भी जीत जाते हैं.

महाराणा प्रताप के प्रेरणादायी विचार (Photo Credits: File Image)

3- ये दुनिया कर्म करने वालों को ही पसंद करती है, इसलिए कर्म करते रहना चाहिए.

महाराणा प्रताप के प्रेरणादायी विचार (Photo Credits: File Image)

4- जो बुरे वक्त से डर जाते हैं उन्हें न सफलता मिलती है और न ही इतिहास में जगह.

महाराणा प्रताप के प्रेरणादायी विचार (Photo Credits: File Image)

5- ये संसार कर्मवीरो की ही सुनता है. अतः अपने कर्म के मार्ग पर अडिग और प्रशस्त रहो.

महाराणा प्रताप के प्रेरणादायी विचार (Photo Credits: File Image)

वैसे तो महाराणा प्रताप की वीरता के अनगिनत किस्से हैं, जिनमें से एक है हल्दी घाटी की लड़ाई. दरअसल, महाराणा प्रताप और मुगल बादशाह अकबर के बीच हुई हल्दी घाटी की लड़ाई के बारे में आज भी पढ़ा जाता है. बताया जाता है कि महाराणा प्रताप को अकबर की अधीनता में मेवाड़ का शासन किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं था, उनके इनकार के बाद ही 18 जून 1576 को हल्दी घाटी में युद्ध छिड़ गया. अकबर मैदान में अपनी विशाल सेना लेकर पहुंचा, जबकि महाराणा प्रताप की सेना बहुत छोटी थी, बावजूद इसके न तो अकबर इस युद्ध में विजयी हो सका और न ही महाराणा प्रताप इस युद्ध में हारे थे.