Maharana Pratap Jayanti 2024 Messages: हैप्पी महाराणा प्रताप जयंती! प्रियजनों संग शेयर करें ये हिंदी WhatsApp Wishes, Quotes और GIF Greetings
महाराणा प्रताप ने राजनीतिक कारणों से कुल 11 शादियां की थीं. इन शादियों से उनके 17 बेटे और 5 बेटियां थीं. महाराणा प्रताप के बाद महारानी अजाब्दे के बेटे अमर सिंह ने राजगद्दी संभाली थी. महाराणा प्रताप की जयंती को देश के अधिकांश हिस्सों में धूमधाम से मनाया जाता है. इस खास अवसर पर आप इन हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप विशेज, कोट्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स को प्रियजनों संग शेयर कर उन्हें हैप्पी महाराणा प्रताप जयंती कह सकते हैं.
Maharana Pratap Jayanti 2024 Messages in Hindi: राजस्थान (Rajasthan) की धरती पर जन्में महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) एक ऐसे महान योद्धा और युद्ध रणनीति में कुशल राजा थे, जिन्होंने बार-बार मुगलों के हमले से मेवाड़ और वहां की जनता की रक्षा की. उनके सामने न जाने कितनी ही विकट परिस्थियां आईं, लेकिन उन्होंने कभी भी अपना सिर दुश्मन के सामने नहीं झुकाया. मेवाड़ के महान राजपूत शासक महाराणा प्रताप की जयंती (Maharana Pratap Jayanti) हर साल 9 मई को मनाई जाती है, जबकि हिंदू पंचांग के अनुसार उनकी जयंती ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है, जिसके हिसाब से आज (9 जून 2024) उनकी जयंती मनाई जा रही है. उनका जन्म 9 मई 1540 को मेवाड़ (Mewad) के कुंभलगढ़ में राजपूत राज परिवार के उदय सिंह द्वितीय और महारानी जयवंता बाई के घर हुआ था.
महाराणा प्रताप ने राजनीतिक कारणों से कुल 11 शादियां की थीं. इन शादियों से उनके 17 बेटे और 5 बेटियां थीं. महाराणा प्रताप के बाद महारानी अजाब्दे के बेटे अमर सिंह ने राजगद्दी संभाली थी. महाराणा प्रताप की जयंती को देश के अधिकांश हिस्सों में धूमधाम से मनाया जाता है. इस खास अवसर पर आप इन हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप विशेज, कोट्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स को प्रियजनों संग शेयर कर उन्हें हैप्पी महाराणा प्रताप जयंती कह सकते हैं.
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बताया जाता है कि महाराणा प्रताप जब भी युद्ध के लिए जाते थे, तब वो अपने साथ 208 किलो की दो तलवार, 72 किलोग्राम का कवच और 80 किलो का भाला लेकर जाते थे. महाराणा प्रताप और मुगल बादशाह अकबर के बीच हुई हल्दी घाटी की लड़ाई देश के इतिहास में दर्ज है. दरअसल, महाराणा प्रताप ने अकबर की अधीनता में मेवाड़ का शासन स्वीकार करने से इनकार कर दिया था, जिसकी वजह से 18 जून 1576 ई को हल्दी घाटी का युद्ध छिड़ गया. कहा जाता है कि विशाल सेना होने के बावजूद इस युद्ध को न तो अकबर जीत सका था और न ही महाराणा प्रताप इस युद्ध को हारे थे.