Losar Festival 2020: शिमला के दोरजे द्रक मठ में मनाया जा रहा है लोसर फेस्टिवल, तिब्बती लोग इसे धूमधाम से करते हैं सेलिब्रेट
लोसर फेस्टिवल के इस खास अवसर पर हिमाचल प्रदेश के शिमला स्थित दोरजे द्रक मठ में तिब्बती बौद्ध धर्म के अनुयायी प्रार्थना और पूजा-अर्चना करते नजर आए. लोसर फेस्टिवल को तिब्बत, नेपाल और भुटान के सबसे महत्वपूर्ण बौद्ध धर्म के पर्वों में से एक माना जाता है. इसे लेह-लद्दाक, हिमाचल प्रदेश, असम और सिक्किम राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है.
Losar Festival 2020: लोसर (Losar) तिब्बती बौद्ध धर्म (Tibetan Buddhist) का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे तिब्बती लोग (Tibetan) बहुत धूमधाम से मनाते हैं. जिस तरह से विभिन्न धर्मों में नए साल का त्योहार (New Year Celebration) धूमधाम से मनाया जाता है, उसी तरह तिब्बती लोग लोसर फेस्टिवल (Losar Festival) को नए साल के आगमन के तौर पर मनाते हैं. यह पर्व लुनिसोलर तिब्बती कैलेंडर के पहले दिन मनाया जाता है, जो ग्रेगोरियन कैलेंडर में फरवरी या मार्च महीने में पड़ता है. लोसर फेस्टिवल को तिब्बत, नेपाल और भुटान के सबसे महत्वपूर्ण बौद्ध धर्म के पर्वों में से एक माना जाता है. इसे लेह-लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, असम और सिक्किम राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है. हिमाचल प्रदेश के शिमला स्थित दोरजे द्रक मठ में लोसर फेस्टिवल मनाया जा रहा है. तिब्बती कैलेंडर के पहले दिन यहां प्रार्थनाओं का आयोजन किया गया है.
लोसर फेस्टिवल के इस खास अवसर पर हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के शिमला (Shimla) स्थित दोरजे द्रक मठ (Dorje Drak Monastery) में तिब्बती बौद्ध धर्म के अनुयायी प्रार्थना और पूजा-अर्चना करते नजर आए. शिमला के अलावा लेह-लद्दाख में तिब्बतियों की तादात अधिक होने के कारण यहां बहुत धूमधाम से इस त्योहार को मनाया जाता है. इस दौरान तिब्बती लोग पूजा-अर्चना करते हैं. यह भी पढ़ें: Buddha Purnima 2019: राजकुमार सिद्धार्थ कैसे बने भगवान बुद्ध, जानिए इससे जुड़ी रोचक गाथा
लोसर फेस्टिवल
गौरतलब है कि लोसर फेस्टिवल के दौरान लद्दाख में सभी श्रद्धालु गीत गाते हुए, नाचते हुए और प्रार्थना करके नए साल का धूमधाम से स्वागत करते हैं. लोसर का तिब्बती भाषा में अर्थ है नया वर्ष. खासकर अगर आप इस फेस्टिवल के दौरान लद्दाख में मौजूद हैं तो आपको ऐसा महसूस होगा कि आप ईश्वर और धर्म के बेहद करीब पहुंच गए हैं. यहां होने वाला यह फेस्टिवल बेहद खास माना जाता है.