Kerala New Year 2023 Wishes: हैप्पी विशु! इन हिंदी WhatsApp Stickers, GIF Greetings, HD Images, Wallpapers को भेजकर दें केरल नव वर्ष की बधाई
विशु यानी केरल न्यू ईयर के दिन सुबह विशुकानी की रस्म अदा करने के बाद लोग मंदिर जाकर भगवान के दर्शन करते हैं. उन्हें तरह-तरह के पकवानों का भोग अर्पित करते हैं और उसके बाद भोजन करते हैं. इसके साथ ही लोग एक-दूसरे को केरल नव वर्ष की शुभकामनाएं भी देते हैं. ऐसे में आप भी इस अवसर पर इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, एचडी इमेजेस और वॉलपेपर्स को भेजकर अपनों को हैप्पी विशु कह सकते हैं.
Kerala New Year 2023 Wishes in Hindi: केरल (kerala) में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में विशु (Vishu) का खास महत्व बताया जाता है. राज्य में इस पर्व को केरल नव वर्ष (Kerala New Year) के तौर पर बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. इस साल विशु का त्योहार 15 अप्रैल 2023 को मनाया जा रहा है. इस दिन केरलवासी भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) के साथ ही भगवान श्रीकृष्ण (Bhagwan Shri Krishna) की पूजा करते हैं और अच्छी फसल के लिए प्रार्थना करते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस दिन श्रीहरि और श्रीकृष्ण के पूजन व दर्शन से जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली का आगमन होता है. इस शुभ अवसर पर केरल के सबरीमाला मंदिर में विशेष आयोजन किया जाता है. विशु से ठीक एक दिन पहले लोग रात के 12 बजे भगवान के सामने नए वस्त्र, आभूषण, फल, भगवद्गीता और रामायण सजाकर रख देते हैं, फिर सुबह उठने के बाद सबसे पहले भगवान के दर्शन करते हैं, जिसे विशुकानी कहा जाता है.
विशु यानी केरल न्यू ईयर के दिन सुबह विशुकानी की रस्म अदा करने के बाद लोग मंदिर जाकर भगवान के दर्शन करते हैं. उन्हें तरह-तरह के पकवानों का भोग अर्पित करते हैं और उसके बाद भोजन करते हैं. इसके साथ ही लोग एक-दूसरे को केरल नव वर्ष की शुभकामनाएं भी देते हैं. ऐसे में आप भी इस अवसर पर इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, एचडी इमेजेस और वॉलपेपर्स को भेजकर अपनों को हैप्पी विशु कह सकते हैं.
1- केरल नव वर्ष की शुभकामनाएं
2- विशु की हार्दिक बधाई
3- हैप्पी केरल न्यू ईयर
4- हैप्पी विशु
5- केरल नव वर्ष की बधाई
गौरतलब है कि इस दिन पुरुष धोती पहनते हैं और महिलाएं कसुवु साड़ी पहनती हैं. इस पर्व को केरल में सूर्य देव की वापसी के दिन के तौर पर भी मनाया जाता है. कहा जाता है कि एक बार लंकापति रावण ने सूर्य देव के पूर्व से निकलने पर रोक लगा थी और जब भगवान राम ने रावण का संहार किया, तब से सूर्य देव फिर से पूर्व दिशा की ओर से निकलने लगे. माना जाता है कि इस पर्व को मनाने की परंपरा की शुरुआत तभी से हुई है. इसके अलावा एक अन्य कथा के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध करके उसके अत्याचारों से संसार को मुक्त कराया था, इसलिए विशु के दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है.