Karwa Chauth 2023 Greetings: शुभ करवा चौथ! इन शानदार WhatApp Stickers, HD Images, Wallpapers, Photo Wishes के जरिए दें बधाई

करवा चौथ का व्रत अखंड प्रेम, सम्मान और त्याग की चेतना का प्रतीक माना जाता है. इस व्रत को करने वाली महिलाओं को गणेश, शिव-पार्वती और चंद्र देव की कृपा से सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है. करवा चौथ के इस पावन अवसर पर आप इन शानदार ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप स्टिकर्स, एचडी इमेजेस, वॉलपेपर्स, फोटो विशेज के जरिए करवा चौथ की बधाई दे सकती हैं.

करवा चौथ 2023 (Photo Credits: File Image)

Karwa Chauth 2023 Greetings in Hindi: शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) के चार दिन बाद यानी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ व्रत (Karwa Chauth Vrat) का त्योहार मनाया जाता है. करवा चौथ (Karva Chauth) पति-पत्नी के बीच अटूट विश्वास और प्यार को समर्पित एक खास पर्व है. इस दिन सुहागन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और अच्छी सेहत के लिए व्रत रखती हैं. कुछ महिलाएं तो जन्म-जन्म तक अपने पति को फिर से प्राप्त करने की कामना से भी यह व्रत रखती हैं. करवा का मतलब है मिट्टी का बर्तन, जबकि चौथ का अर्थ है भगवान गणेश की प्रिय तिथि चतुर्थी. अखंड सौभाग्य के पर्व करवा चौथ के दिन महिलाएं दिन भर निर्जल-निराहार रहती हैं और रात में चंद्रमा को अर्घ्य देकर, चलनी की ओट से उनका दीदार करती हैं, फिर अपने पति के हाथों से जल पीकर अपना व्रत खोलती हैं.

करवा चौथ का व्रत अखंड प्रेम, सम्मान और त्याग की चेतना का प्रतीक माना जाता है. इस व्रत को करने वाली महिलाओं को गणेश, शिव-पार्वती और चंद्र देव की कृपा से सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है. करवा चौथ के इस पावन अवसर पर आप इन शानदार ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप स्टिकर्स, एचडी इमेजेस, वॉलपेपर्स, फोटो विशेज के जरिए करवा चौथ की बधाई दे सकती हैं.

1- करवा चौथ की शुभकामनाएं

करवा चौथ 2023 (Photo Credits: File Image)

2- करवा चौथ की हार्दिक बधाई

करवा चौथ 2023 (Photo Credits: File Image)

3- शुभ करवा चौथ

करवा चौथ 2023 (Photo Credits: File Image)

4- करवा चौथ 2023

करवा चौथ 2023 (Photo Credits: File Image)

5- हैप्पी करवा चौथ

करवा चौथ 2023 (Photo Credits: File Image)

करवा चौथ से जुड़ी पौराणिक कथा के मुताबिक, महाभारत काल में द्रौपदी ने पांडवों के लिए भगवान श्रीकृष्ण के सुझाव से इस व्रत को किया था. माना जाता है कि इस व्रत के प्रभाव से पांडवों के जीवन से संकट दूर हुआ और वे महाभारत के युद्ध में विजयी हुए थे. करवा चौथ के दिन सूर्योदय से पहले उठकर महिलाएं सरगी खाती हैं और फिर दिनभर निर्जल व्रत रखती हैं. इसके बाद शाम को सोलह श्रृंगार करके महिलाएं भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की पूजा करती हैं. इस दौरान करवा चौथ व्रत की कथा सुनी जाती है और पूजन के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद पति के हाथों से जल पीकर व्रत खोला जाता है.

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