Jitiya Vrat 2022 HD Images: हैप्पी जितिया व्रत! अपनों संग शेयर करें ये शानदार WhatsApp Stickers, GIF Greetings, Photos और Wallpapers
भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को नहाय खाय के साथ जितिया व्रत की शुरुआत होती है, फिर अष्टमी तिथि के दिन निर्जल व्रत रखा जाता है और फिर नवमी तिथि को व्रत का पारण किया जाता है. इस अवसर पर शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान किया जाता है. ऐसे में आप भी इन शानदार एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, फोटोज और वॉलपेपर्स के जरिए हैप्पी जितिया व्रत विश कर सकते हैं.
Jitiya Vrat 2022 HD Images: नहाय-खाय (Jitiya Nahay Khay) के बाद आज यानी 18 सितंबर 2022 को अपनी संतान की लंबी उम्र, अच्छी सेहत और उसकी मंगल कामना से माताएं जितिया व्रत (Jitiya Vrat) का पालन कर रही हैं. उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड जैसे राज्यों में इस पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इसे विभिन्न स्थानों पर जिउतिया (Jiutiya), जितिया (Jitiya), जीवित्पुत्रिका (Jivitputrika), जीमूतवाहन व्रत जैसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है. इस व्रत का संबंध महाभारत काल (Mahabharat Era) से बताया जाता है. कहा जाता है कि युद्ध में जब द्रोणाचार्य का वध कर दिया गया तो उनके पुत्र अश्वत्थामा ने क्रोध में आकर ब्राह्रास्त्र चला दिया, जिसकी वजह से अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा के गर्भ में पल रहा शिशु नष्ट हो गया. इसके बाद भगवान कृष्ण ने उन्हें फिर से जीवित किया, इसलिए उनका नाम जीवित्पुत्रिका रखा गया. आगे चलकर जीवित्पुत्रिका ही राजा परीक्षित के नाम से मशहूर हुए. कहा जाता है कि तब से महिलाएं अपनी संतान की लंबी उम्र के लिए जीवित्पुत्रिका व्रत रखने लगीं.
हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को नहाय खाय के साथ जितिया व्रत की शुरुआत होती है, फिर अष्टमी तिथि के दिन निर्जल व्रत रखा जाता है और फिर नवमी तिथि को व्रत का पारण किया जाता है. इस अवसर पर शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान किया जाता है. ऐसे में आप भी इन शानदार एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, फोटोज और वॉलपेपर्स के जरिए हैप्पी जितिया व्रत विश कर सकते हैं.
हैप्पी जितिया व्रत 2022
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गौरतलब है कि जितिया व्रत को संतानों के लिए किए जाने वाले व्रतों में सबसे कठिन माना जाता है, क्योंकि महिलाएं इस दिन निर्जल व्रत रखती हैं और इस व्रत से जुड़े नियमों का कड़ाई से पालन करती हैं. ऐसी मान्यता है कि जितिया व्रत का पालन करने वाली माताओं की संतानों को दीर्घायु, उत्तम आरोग्य और खुशहाल जीवन का वरदान मिलता है. साथ ही जीवन में आनेवाले सभी संकटों से उनकी रक्षा होती है, इसलिए इस पर्व का विशेष महत्व है.