Janmashtami 2024 Krishna HD Images: जन्माष्टमी पर कान्हा के इन मनमोहक WhatsApp Stickers, GIF Greetings, Wallpapers, Photo SMS को भेजकर दें शुभकामनाएं
ऐसी मान्यता है कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन कान्हा की पूजा-अर्चना करने से भक्तों के सारे संकट दूर होते हैं और जीवन में खुशहाली आती है. इस पर्व को धूमधाम से मनाने के अलावा लोग कान्हा की तस्वीरों वाले शुभकामना संदेश भेजकर एक-दूसरे को बधाई भी देते हैं. जन्माष्टमी पर कान्हा के इन शानदार एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉलपेपर्स, फोटो एसएमएस को भेजकर शुभकामनाएं दे सकते हैं.
Janmashtami 2024 Krishna HD Images: जगत के पालनहार भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) ने श्रीकृष्ण (Shri Krishna) के रूप में आठवां अवतार लिया था, जिसे कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) के तौर पर देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, द्वापर युग में भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान विष्णु ने धरती पर श्रीकृष्ण (Shri Krishna) का अवतार लिया था, इसलिए इस दिन उनके जन्मोत्सव का जश्न मनाया जाता है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, इस साल 26 अगस्त 2024 को कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जा रही है. इस दिन श्रीकृष्ण के भक्त श्रद्धाभाव से व्रत रखते हैं और विधि-विधान से श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना करते हैं. इस दिन तमाम श्रीकृष्ण मंदिरों में विशेष पूजा-अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं, जिनमें पालकी सजाई जाती है और श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की कथा को दर्शाया जाता है.
ऐसी मान्यता है कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन कान्हा की पूजा-अर्चना करने से भक्तों के सारे संकट दूर होते हैं और जीवन में खुशहाली आती है. इस पर्व को धूमधाम से मनाने के अलावा लोग कान्हा की तस्वीरों वाले शुभकामना संदेश भेजकर एक-दूसरे को बधाई भी देते हैं. जन्माष्टमी पर कान्हा के इन शानदार एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉलपेपर्स, फोटो एसएमएस को भेजकर शुभकामनाएं दे सकते हैं.
गौरतलब है कि जन्माष्टमी के दिन शुद्ध जल, दूध, दही, शहद और पंचमेवा से बाल कृष्ण की मूर्ति का स्नान कराया जाता है. बाल गोपाल की मूर्ति को स्नान कराने के बाद उन्हें वस्त्र पहनाकर पालने में स्थापित किया जाता है, फिर भगवान श्रीकृष्ण की आरती की जाती है, भजन गाए जाते हैं. इसके अलावा इस दिन जन्माष्टमी की कथा देखी और सुनी जाती है. श्रीकृष्ण के जन्म के बाद सभी को प्रसाद बांटा जाता है और रात्रि जागरण कर भजन-कीर्तन किए जाते हैं.