Jagannath Puri Rath Yatra 2021: जानें मंदिर द्वारा निर्धारित तिथि, शेड्यूल, कोविड-19 गाइडलाइन्स और ओडिशा के विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा उत्सव के बारे में सब कुछ
ओडिशा में आयोजित होने वाले इस विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा को लेकर मंदिर की तरफ से कोविड-19 गाइडलाइन्स जारी किए गए हैं, जिसके चलते पुरी जगन्नाथ मंदिर और नरेंद्र सरोवर के पास धारा 144 लागू होने के बाद भक्तों को अपने घरों में रहकर ही यात्रा की भव्यता देखनी पड़ सकती है. प्रशासकों ने फैसला किया है कि महामारी के कारण उत्सव इस साल किसी भी विजिटर के बिना होगा.
Jagannath Puri Rath Yatra 2021: जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा (Jagannath Puri Rath Yatra) जिसमें 21 दिवसीय चंदन यात्रा (Chandan Yatra) शामिल है और यह यात्रा ओडिशा के पुरी में नरेंद्र सरोवर (Narendra Sarovar) से शुरू हो चुकी है. पिछले साल महामारी के कारण समारोह स्थल पर मौजूद भक्तों के बिना उत्सव की रौनक कुछ फीकी पड़ गई थी. इस साल समारोह पुजारियों और कार्यकर्ताओं तक ही सीमित हो सकता है, जिन्होंने पहले ही रथों का निर्माण करना शुरु कर दिया है. हालांकि ओडिशा में आयोजित होने वाले इस विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा को लेकर मंदिर की तरफ से कोविड-19 गाइडलाइन्स (COVID-19 Guidelines) जारी किए गए हैं, जिसके चलते पुरी जगन्नाथ मंदिर और नरेंद्र सरोवर के पास धारा 144 लागू होने के बाद भक्तों को अपने घरों में रहकर ही यात्रा की भव्यता देखनी पड़ सकती है. प्रशासकों ने फैसला किया है कि महामारी के कारण उत्सव इस साल किसी भी विजिटर के बिना होगा. यहां 12 जुलाई को होने वाली यात्रा से जुड़ी हर जानकारी दी गई है.
यात्रा की तिथि क्या है?
यह यात्रा 12 जुलाई को बिना किसी आगंतुक के होगी.
यात्रा में शामिल होने की अनुमति किसे दी जाएगी?
इस साल केवल सेवादार और मंदिर के अधिकारी ही अनुष्ठान में शामिल होंगे. हालांकि उनके लिए कोविड-19 वैक्सीन की दोनों डोज लेना अनिवार्य होगा.
धारा 144 के तहत क्या प्रतिबंधित है?
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन द्वारा आगंतुकों पर लगाई गई धारा 144 में कहा गया है कि आगंतुकों को केवल 25 जुलाई को मंदिर में जाने की अनुमति होगी. यात्रा और अनुष्ठान केवल 12 जुलाई को सेवादारों और मंदिरों के अधिकारियों द्वारा देखे जाएंगे. इसके अलावा पुरी के जिला मजिस्ट्रेट-सह कलेक्टर समर्थ वर्मा ने कहा कि त्रिमूर्ति भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के स्नान उत्सव, स्नान यात्रा पर मंदिर के चारों ओर सीआरपीसी की धारा 144 लागू की जाएगी.
यात्रा से जुड़ी हर डिटेल
- 24 जून को स्नान पूर्णिमा दोपहर 1 बजे पहंडी (देवताओं की पैदल यात्रा) से शुरू होगी और सुबह 4 बजे समाप्त होगी.
- एक अनुष्ठान जिसमें छेरा पहनरा (Chhera Pahanra) के नाम से जाना जाने वाला स्नान स्थान शामिल है, पुरी के गजपति राजा दिब्यसिंह देब द्वारा सुबह 10.30 बजे आयोजित किया जाना है.
- व्यापक अनुष्ठान के बाद देवताओं को सुबह 11 बजे से दोपहर 12 बजे के बीच गजानन बेशा या हती बेशा (हाथी पोशाक) से सजाया जाएगा.
- त्रिदेव भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ को अनसारा घर के नाम से लोकप्रिय कक्ष में ले जाया जाएगा. इसके बाद शाम 5 बजे से 8 बजे के बीच स्नान पंडाल से मंदिर के भीतर देवताओं की वापसी का जुलूस निकाला जाएगा. अनसारा की रस्में अगले 15 दिनों तक जारी रहेंगी.
- विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा 12 जुलाई को बिना श्रद्धालुओं के होगी और जुलूस सुबह 8.30 बजे से शुरू होगा, जबकि उसी दिन शाम 4 बजे रथ यात्रा शुरु होगी.
- 21 जुलाई को भगवान की सुना बेशा (स्वर्ण पोशाक) की रस्म शाम 4 बजे से 11 बजे के बीच होगी.
- 23 जुलाई को नीलाद्री बीजी- मुख्य मंदिर में त्रिमूर्ति की वापसी शाम 4 बजे होगी और रात 10 बजे इस कार्यक्रम का समापन होगा.
गौरतलब है कि ओडिशा के विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा से जुड़े कार्यक्रम को श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन द्वारा रविवार को अंतिम रूप दिया गया.