International Women's Day 2020: ‘फूल’ नहीं सम्मान और समान अधिकार दें महिलाओं को!

‘अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2020’ बस कुछ ही दूर है, लेकिन परिस्थितियां कुछ ऐसी हैं कि हम खुलकर खुशियां भी नहीं मना पाते. हालांकि सभी जानते है कि अन्य दिनों की तुलना में यह दिवस विशेष आम दिनों की तरह सामान्य नहीं रहेगा. आप वर्किंग महिला हैं तो अपने कार्य स्थल पर आपको बधाई के साथ कुछ चॉकलेट्स एवं फूल प्रदान किये जा सकते हैं, हो सकता है आधे दिन की छुट्टी भी हो जाये, ताकि आप घर जाकर अपने तरीके से इन्जॉय कर सकें

हैप्पी वूमेंस डे 2020 (Photo Credits: File Photo)

‘अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2020’ (International Women's Day 2020) बस कुछ ही दूर है, लेकिन परिस्थितियां कुछ ऐसी हैं कि हम खुलकर खुशियां भी नहीं मना पाते. हालांकि सभी जानते है कि अन्य दिनों की तुलना में यह दिवस विशेष आम दिनों की तरह सामान्य नहीं रहेगा. आप वर्किंग महिला हैं तो अपने कार्य स्थल पर आपको बधाई के साथ कुछ चॉकलेट्स एवं फूल प्रदान किये जा सकते हैं, हो सकता है आधे दिन की छुट्टी भी हो जाये, ताकि आप घर जाकर अपने तरीके से इन्जॉय कर सकें. लेकिन क्या ये पल, ये दिवस आपको वाकई वह सच्ची खुशियां देते हैं, जैसा कि आप चाहती हैं? जो आपका अधिकार है? शायद नहीं! आप आज भी घर से बाहर देर रात अपनी इच्छानुसार जश्न नहीं मना सकतीं.

हालांकि, हर महिलाओं के संदर्भ में ऐसा सोचना सही नहीं होगा. लेकिन अधिकांश भारती महिलाओं को आए दिन किसी न किसी समस्या का सामना करना पड़ता है. ऐसे में महिलाओं को विश्व महिला दिवस पर चॉकलेट्स अथवा फूल देने के बजाय कुछ ऐसा करें, जो किसी भी महिला के लिए बहुत मायने रखती हों. आइये एक नजर डालते हैं कि इस दिवस विशेष पर महिलाओं के लिए कुछ करने के बजाय उन्हें भौतिकवाद बनाने में कैसे मदद की जा सकती है. ये भी पढ़ें: International Women’s Day 2020 Offers: महिला दिवस पर Amazon, Flipkart, Myntra, Nykaa पर मिल रहा है बंपर डिस्काउंट, जानें क्या है ऑफर

सेक्सिजम को कहें ना

सबसे पहले, औपचारिक सेक्सिज्म को समझें. विश्व महिला दिवस पर केक अथवा फूल प्रदान करने के बजाय यह सुनिश्चित करें कि सेक्सिस्ट संबंधी किसी भी तरह की टिप्पणियां करने से बचें, जो किसी महिला के सम्मान को ठेस पहुंचा सकती है. आप ही नहीं बल्कि अपने मित्रों को भी इस तरह की टिप्पणियां करने से रोकें.

LGBTQ समुदाय की महिलाओं का करें सम्मान

हमारे यहां आम महिलाएं तो समाज से समान अधिकार के लिए लड़ती ही हैं, लेकिन LGBTQ (समलैंगिक) समुदाय की महिलाओं को तो पूरी जिंदगी समाज से संघर्ष करना पड़ता है. इस समुदाय के साथ हमेशा से भेदभाव देखने को मिलता रहा है. एक शोध के अनुसार ऐसे समुदाय के लोग हमेशा मानसिक और शारीरिक समस्याओं से घिरे रहते हैं. उनका खुलेआम सार्वजनिक अपमान किया जाता है. कभी-कभी ऐसे लोगों को समाज से बाहर भी कर दिया जाता है. ऐसे लोगों को हमारे सहयोग और अपनेपन की बहुत जरूरत होती है.

'मदद' नहीं करें लेकिन बाधा भी न बनें

आज की महिलाओं को समानता के लिए किसी की सहायता या सहयोग की आवश्यकता नहीं है. उन्हें बस समान अवसर देने की जरूरत है. इस दिवस विशेष पर एक वादा करें कि हम कभी भी लिंग के आधार पर किसी तरह का निर्णय नहीं लेंगे. साथ ही समान वेतन और सम्मान का समर्थन करेंगे और उनके आगे बढ़ने के मार्ग में बाधा नहीं बनेंगे.

घर के काम औरत के ही नाम क्यों?

घर के सारे काम-काज की जिम्मेदारी सिर्फ महिलाओं के ही नाम होती है, जबकि घर में सभी सदस्य समान अधिकार के साथ रहते हैं, हर सामान का उपयोग करते हैं, तो क्यों नहीं सभी को घर के काम-काज में उतनी ही सेवा भाव से जुड़ कर रहना चाहिए. क्या अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर हम उन्हें इतना भी आश्वासन नहीं दे सकते.

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