Hariyali Teej 2020: हरियाली तीज कब है? जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और सावन के महीने में मनाए जाने वाले इस पर्व का महत्व
सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हर साल हरियाली तीज का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं और अपने पति की लंबी व अच्छी सेहत के लिए प्रार्थना करती हैं. इस पर्व को छोटी तीज और श्रावण तीज भी कहा जाता है. इस पर्व को मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, राजस्थान और मध्य प्रदेश में मनाया जाता है. इस साल हरियाली तीज 23 जुलाई 2020 को मनाई जाएगी.
Hariyali Teej 2020: सावन मास (Sawan Maas) के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि (Tritiya Tithi) को हर साल हरियाली तीज (Hariyali Teej) का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं और अपने पति की लंबी उम्र व अच्छी सेहत के लिए प्रार्थना करती हैं. हरियाली तीज के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद सोलह श्रृंगार (Solah Shringar) करती हैं और शाम को भगवान शिव Bhagwan Shiv) व माता पार्वती (Mata Parvati) की पूजा करती हैं. पूजन के दौरान महिलाएं अखंड सौभाग्य और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं. इस खास अवसर पर महिलाएं अपने हाथों और पैरों में मेंहदी रचाती हैं, झूला झूलती हैं, लोकगीत गाती हैं और खुशियां मनाती हैं.
सावन के महीने में हर तरफ हरियाली ही हरियाली नजर आती हैं. इतना ही नहीं इस महीने में प्रकृति की सुंदरता देखते ही बनती है, इसलिए इस पर्व को हरियाली तीज कहा जाता है. इसके अलावा इसे छोटी तीज (Chhoti Teej) और श्रावण तीज (Shravan Teej) भी कहा जाता है. इस पर्व को मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, राजस्थान और मध्य प्रदेश में मनाया जाता है. इस साल हरियाली तीज का त्योहार 23 जुलाई 2020 को मनाया जाएगा. चलिए जानते हैं शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस सावन के माह में मनाए जाने वाले इस पर्व का महत्व...
हरियाली तीज शुभ मुहूर्त
हरियाली तीज तिथि- 23 जुलाई 2020 (बुधवार)
तृतीया तिथि प्रारंभ- 22 जुलाई 2020 को शाम 07:22 बजे से,
तृतीया तिथि समाप्त- 23 जुलाई 2020 की शाम 05:03 बजे तक.
हरियाली तीज पूजा विधि
- सुबह उठकर स्नान करें और हरियाली तीज के व्रत का संकल्प लें.
- नए वस्त्र धारण करें और सोलह श्रृंगाकर करें पूजन के लिए तैयार हों.
- पूजा स्थल पर मिट्टी से भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की प्रतिमा बनाएं.
- भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की विधिवत पूजा करें.
- माता पार्वती को सुहाग की सामग्रियां और चुनरी अर्पित कर उनका श्रृंगार करें.
- भगवान शिव को चंदन, भस्म, बेलपत्र और श्वेत वस्त्र अर्पित करें.
- पूजन के दौरान हरियाली तीज की कथा पढ़ें या सुनें और फिर आरती उतारें.
- अगले दिन सुबह माता पार्वती को सिंदूर अर्पित करें, फिर अपने व्रत का पारण करें. यह भी पढ़ें: July 2020 Festival Calendar: देवशयनी एकादशी से हो रही है जुलाई की शुरुआत, शिवभक्तों के लिए भी खास है यह महीना, देखें इस माह के व्रत और त्योहारों की पूरी लिस्ट
हरियाली तीज का महत्व
हरियाली तीज का त्योहार सुहागन स्त्रियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. इसे पति के प्रति पत्नी के समर्पण का प्रतीक माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन शिव-पार्वती की पूजा करने से महिलाओं को अंखड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है. प्रचलित पौराणिक कथा के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कई वर्षों तक घोर तप किया था. माता पार्वती की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें पत्नी रूप में स्वीकार किया. यह पर्व माता पार्वती को समर्पित है, इसलिए उन्हें तीज माता भी कहा जाता है.
भारत के कई क्षेत्रों में हरियाली तीज पर विवाहित महिलाएं अपने मायके जाती हैं, जिसके बाद उन्हें घर पर बनी मिठाइयां, घेवर, मेहंदी, चूड़ियां आदि भेंट की जाती है. देश के कई हिस्सों में हरियाली तीज पर महिलाएं सामुहिक रूप से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं और इस व्रत की कथा सुनती हैं.