Happy Vishu 2022 Greetings: विशु के इन शानदार WhatsApp Stickers, GIF Messages, HD Images, Wallpapers के जरिए दें केरल नव वर्ष की बधाई
केरल में नए साल के आगमन के तौर पर पर विशु त्योहार को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. साल के पहले दिन भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना की जाती है. इसके साथ ही शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान किया जाता है. ऐसे में आप भी इस अवसर पर विशु के इन शानदार ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ मैसेजेस, एचडी इमेजेस, वॉलपेपर्स को भेजकर केरल नव वर्ष की बधाई दे सकते हैं.
Happy Vishu 2022 Greetings in Hindi: जब सूर्य देव मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश करते हैं तो सौर नव वर्ष (Solar New Year) की शुरुआत होती है, जिसे केरल (Kerala) में विशु (Vishu) के रूप में मनाया जाता है. दरअसल, मलयालम कैलेंडर के अनुसार, सूर्य के मेडम यानी मेष राशि में प्रवेश करने पर केरल में नए साल की शुरुआत होती है. इस साल केरल में 15 अप्रैल को विशु का त्योहार मनाया जा रहा है, जो केरल नव वर्ष (Kerala New Year) का प्रतीक है. इस पर्व से जुड़ी मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण (Lord Shri Krishna) ने नरकासुर नामक असुर का अंत करके लोगों को उसके अत्याचारों से मुक्ति दिलाई थी, इसलिए इस दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के कृष्ण अवतार की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. एक अन्य प्रचलित मान्यता के अनुसार, विशु सूर्य देवता की वापसी का पर्व भी है. कहा जाता है कि एक बार दशानन रावण ने सूर्य देव के पूर्व दिशा से उदित होने पर रोक लगा दी थी और रावण की मृत्यु के बाद ही सूर्य देव फिर से पूर्व दिशा से उदित होने लगे, तब से विशु पर्व को मनाने की यह परंपरा शुरु हुई है.
केरल में नए साल के आगमन के तौर पर पर विशु त्योहार को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. साल के पहले दिन भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना की जाती है. इसके साथ ही शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान किया जाता है. ऐसे में आप भी इस अवसर पर विशु के इन शानदार ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ मैसेजेस, एचडी इमेजेस, वॉलपेपर्स को भेजकर केरल नव वर्ष की बधाई दे सकते हैं.
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गौरतलब है कि केरल नव वर्ष की पहली सुबह से पहले ठीक रात के 12 बजे लोग अपने-अपने घरों में स्थित पूजा स्थल पर भगवान श्रीकृष्ण (Lord Shri Krishna) या भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की प्रतिमा के सामने सोने के आभूषण, नए वस्त्र, दर्पण, कटहल, खीरा, संतरा, अंगूर, रामायण या फिर भगवद् गीता इत्यादि को सजाकर रखते हैं. इसके बाद नए साल की पहली सुबह को जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर, नए वस्त्र पहनकर सबसे पहले श्रीहरि और उन्हें अर्पित की गई चीजों के दर्शन किए जाते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से साल भर घर-परिवार में सुख-समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है.