Happy Christmas 2019: सैंटा क्लाज का वैज्ञानिक तथ्य! जाने क्या कहते हैं आर्कियोलॉजिस्ट और इतिहासकार!
सांता क्लाज (Santa Claus) का नाम सुनते ही बच्चे ही नहीं, बड़ों की भी आंखें चमक उठती हैं. इनके नाम का स्मरण होते ही जेहन में एक गोल मटोल चेहरा, सफेद बाल, लाल चोगा और लाल टोपी.. मुस्कुराता चेहरा और कंधे पर गिफ्ट की बड़ी-सी पोटली.. वर्षों से सांता की ऐसी ही छवि देखते-देखते हम बड़े हो जाते हैं.
Happy Christmas 2019: सांता क्लाज (Santa Claus) का नाम सुनते ही बच्चे ही नहीं, बड़ों की भी आंखें चमक उठती हैं. इनके नाम का स्मरण होते ही जेहन में एक गोल मटोल चेहरा, सफेद बाल, लाल चोगा और लाल टोपी.. मुस्कुराता चेहरा और कंधे पर गिफ्ट की बड़ी-सी पोटली.. वर्षों से सांता की ऐसी ही छवि देखते-देखते हम बड़े हो जाते हैं, मगर सांता की शख्सियत ज्यों की त्यों रहती है, लेकिन क्या कभी यह भी सोचा कि सैंटा क्लाज का सच क्या है? कौन है सांता कहां से आता है. इनके साथ कोई फैक्ट है भी या महज कहानी किस्सों के हिस्से भर हैं. आइए देखते हैं इस शख्सियत के पीछे का सच क्या है...यह भी पढ़ें: Christmas 2019: कौन थे असली सीक्रेट सैंटा और क्यों क्रिसमस के दिन मोजे में गिफ्ट देने की निभाई जाती है परंपरा, जानिए इससे जुड़ी दिलचस्प कहानी
सैंट निकोलस के अस्थि अवशेष
सांता क्लाज जिसका मूल नाम सेंट निकोलस माना जाता है के संदर्भ में ऑक्सफोर्ड वैज्ञानिकों को फ्रांस में अस्थि का एक टुकड़ा मिला, जिसे सेंट निकोलस से जोड़ कर देखा गया, जिसकी कहानी एक धार्मिक कथानक के अनुसार सैंटा क्लॉज के रूप में मशहूर है. ऑक्सफोर्ड युनिवर्सिटी के आर्कियोलॉजिस्ट ने हड्डी के इस छोटे से टुकड़े के रेडियो कार्बन टेस्ट के बाद बताया कि अमुक हड्डी 1087 के समय की है. इसी संदर्भ में कुछ हिस्टोरियंस के अनुसार इस समय तक संत निकोलस का देहांत हो चुका था. ऑक्सफोर्ड अवशेष समूह के डायरेक्टर प्रोफेसर टॉम हाम ने भी इस हड्डी के टुकड़े को सेंट निकोलस का अवशेष होने की संभावना व्यक्त किया है.
बहुत धनी थे सैंट निकोलस
सैंट निकोलस की तमाम प्रचलित कहानियों में एक कहानी 16वीं शताब्दी की भी है. इसके तहत उन्होंने फादर क्रिसमस बनकर लोगों के लिए प्रेरणा स्त्रोत के रूप में कार्य किया था. जर्मनी जैसे देशों में बच्चों में 25 दिसंबर यानी क्रिसमस पर उपहार या मिठाई वितरित नहीं होता, यहां 6 दिसंबर को संत निकोलस की पुण्य-तिथि मनाई जाती है. कहा जाता है कि ईसा से करीब 343 वर्ष पूर्व उनकी मृत्यु हुई थी. सेंट निकोलस को रूढ़िवादी चर्च के सबसे महत्वपूर्ण संतों में एक माना जाता है. बताया जाता है कि वे बहुत धनी व्यक्ति थे, जो अपनी सरलता और सहजता के लिए पूरी दुनिया में लोकप्रिय थे. ऐसी मान्यता है कि क्रिसमस पर सैंटा बनकर बच्चों को गिफ्ट बांटते थे. सूत्रों के अनुसार कई सालों तक भिन्न-भिन्न शोधों के बाद सेंट निकोलस के लगभग 5 सौ अवशेष दुनिया भर के भिन्न भिन्न चर्चों से प्राप्त किए गए हैं, जिन्हें वेनिस के सेंट निकोलो चर्च में संग्रहित किया गया है.
कैसे हुई मृत्यु
हांलाकि इस संदर्भ में ऐसे भी सवाल उठे कि विभिन्न स्थानों से प्राप्त इतने सारे अस्थि अवशेष भला एक ही व्यक्ति के कैसे हो सकते हैं. इस पर एक प्रोफेसर हाम का कहना है कि काफी अवशेष हम ऐतिहासिक तथ्यों के बाद रिप्लेस भी करते हैं, लेकिन इन अस्थि अवशेषों के बीच हम सेंट निकोलस के अवशेष देख सकते हैं. माना जाता है कि सम्राट डाइक्लेटीयन द्वारा सताए गए संत निकोलस की मायरा में मृत्यु हो गई. जिसके बाद उनके अवशेष ईसाई भक्ति का केंद्र बन गए.