Guru Gobind Singh Jayanti 2022 Messages: गुरु गोबिंद सिंह जयंती की लख-लख बधाइयां, अपनों संग शेयर करें ये हिंदी WhatsApp Wishes, Facebook Greetings और HD Images
गुरु गोबिंद सिंह का जन्म पौष मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को 1666 में पटना में हुआ था. उनकी माता का नाम गुजरी जी और पिता का नाम श्री गुरु तेगबहादुर जी था. माता-पिता ने जन्म बाद उनका नाम गोविंद राय रखा था. गुरु गोबिंद सिंह जयंती के इस पावन अवसर पर आप इन हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप विशेज, फेसबुक ग्रीटिंग्स और एचडी इमेजेस को भेजकर अपनों को लख-लख बधाइयां दे सकते हैं.
Guru Gobind Singh Jayanti 2022 Messages in Hindi: आज (9 जनवरी 2022) सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती (Guru Gobind Singh Jayanti) मनाई जा रही है, जिसे प्रकाश पर्व (Prakash Parv) के तौर पर भी मनाया जाता है. नानकशाही कैलेंडर के अनुसार, उनका जन्म पौष महीने की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को हुआ था. अपने पिता गुरु तेग बहादुर के बलिदान के बाद उन्होंने महज 9 साल की उम्र में गुरुगद्दी पर बैठकर समाज को उचित दशा और दिशा दी थी. उन्होंने बहुत कम उम्र में मार्शल आर्ट और तलवार चलाना सीख लिया था, उनकी अद्भुत नेतृत्व क्षमता के कारण उन्हें संत सिपाही भी कहा जाता था. गुरु गोबिंद सिंह (Guru Gobind Singh) में भक्ति और शक्ति का अद्भुत संगम था. गुरु गोबिंद सिंह जी एक महान योद्धा होने के साथ-साथ कई भाषाओं के जानकार, अच्छे लेखक और विद्वान भी थे, उन्होंने कई ग्रंथों की रचना भी की थी. गुरु गोबिंद सिंह वैसे तो धर्मगुरु थे, लेकिन सत्य और न्याय की रक्षा के लिए तथा धर्म की स्थापना के लिए उन्हें शस्त्र धारण करने पड़े थे.
गुरु गोबिंद सिंह का जन्म पौष मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को 1666 में पटना में हुआ था. उनकी माता का नाम गुजरी जी और पिता का नाम श्री गुरु तेगबहादुर जी था. माता-पिता ने जन्म बाद उनका नाम गोविंद राय रखा था. महज 9 वर्ष की आयु में गुरु तेगबहादुर ने अपने बेटे गोविंद राय को सिखों का उत्तराधिकारी और दसवां गुरु नियुक्त कर दिया था. गुरु गोबिंद सिंह जयंती के इस पावन अवसर पर आप इन हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप विशेज, फेसबुक ग्रीटिंग्स और एचडी इमेजेस को भेजकर अपनों को लख-लख बधाइयां दे सकते हैं.
1- वाहे गुरु... आशीष सदा रहे तेरी,
तेरी दया पर चलती रहे जिंदगी मेरी,
जब भी आए कोई मुश्किल,
तू ही दिखाए मुझको मंजिल...
गुरु गोबिंद सिंह जयंती की लख-लख बधाइयां
2- सिर पर मेरे है गुरुवर का हाथ हर पल,
हरदम वो मेरे साथ हैं यही है विश्वास,
हरपल राह वही दिखाएंगे,
मेरे सारे बिगड़े काम बनाएंगे.
गुरु गोबिंद सिंह जयंती की लख-लख बधाइयां
3- आशीर्वाद मिले गुरु का,
जिंदगी बने निराली,
गोबिंद सिंह की कृपा हो और,
हर घर में छाए खुशहाली.
गुरु गोबिंद सिंह जयंती की लख-लख बधाइयां
4- जब भी आए कोई मुश्किल,
गुरु कर देंगे उसे हल,
कृपा रहेगी गुरु की,
मिल जाएगी मंजिल,
हो जाएंगे सफल.
गुरु गोबिंद सिंह जयंती की लख-लख बधाइयां
5- किसी ने पूछा तेरा कारोबार कितना है,
किसी ने पूछा तेरा परिवार कितना है,
कोई विरला अजूबा ही पूछता है,
गुरु तेरे नाल प्यार कितना है...
गुरु गोबिंद सिंह जयंती की लख-लख बधाइयां
गौरतलब है कि गुरु गोबिंद सिंह ने गुरु ग्रंथ साहिब को सिखों का गुरु घोषित करते हुए गुरु परंपरा को खत्म किया था और इसके लिए उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना आनंदपुर साहिब में 1699 को बैसाखी के दिन की थी. इस दौरान उन्होंने खालसा वाणी दी थी, जिसमें उन्होंने वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह कहा था. इसके अलावा उन्होंने खालसा पंथ में जीवन के पांच सिद्धांत दिए हैं, जिन्हें पंत ककार के नाम से जाना जाता है.