Gopal Krishna Gokhale Jayanti 2021 Wishes: गोपाल कृष्ण गोखले की जयंती पर अपनों संग शेयर करें ये WhatsApp Stickers, Facebook Greetings और GIF Images
भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिक विचारक एंव सुधारक कहे जाने वाले गोपाल कृष्ण गोखले की जयंती हर साल 9 मई को मनाई जाती है. गोपाल कृष्ण गोखले की जंयती पर आप अपनों को शुभकामनाएं न दें ऐसा कैसे हो सकता है. इस खास अवसर पर आप इन विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स, जीआईएफ इमेजेस को अपनों के साथ शेयर कर सकते हैं.
Gopal Krishna Gokhale Jayanti 2021 Wishes in Hindi: भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिक विचारक एंव सुधारक कहे जाने वाले गोपाल कृष्ण गोखले की जयंती (Gopal Krishna Gokhale Jayanti) हर साल 9 मई को मनाई जाती है. उनका जन्म महाराष्ट्र के रत्नागिरी स्थित कोटलुक ग्राम में एक सामान्य परिवार में 9 मई 1866 को हुआ था. उनके पिता के असामयिक निधन ने गोपाल कृष्ण गोखले (Gopal Krishna Gokhale) को बचपन से ही सहिष्णु और कर्मठ बना दिया था. गोपाल कृष्ण गोखले में वित्तिय मामलों की अद्वितीय समझ और इस मसले पर अधिकारपूर्वक बहस करने की क्षमता थी. इसी खासियत के चलते उन्हे 'ग्लेडस्टोन' कहा जाता है. महादेव गोविंद रानाडे के शिष्य कहे जाने वाले गोपाल कृष्ण गोखले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में सबसे प्रसिद्ध नरमपंथी थे.
गोखले एक ऐसे राजनैतिक विचारक थे जो राजनीति में अध्यात्मिक अवधारणा को महत्वपूर्ण स्थान देते थे. उन्होंने साल 1905 में‘सर्वेन्टस ऑफ इंडिंया सोसायटी’ की स्थापना की, जिसका मकसद नौजवानों को सार्वजनिक जीवन के लिए प्रशिक्षित करना और राजनीति व धर्म में समन्वय स्थापित करना था, इसलिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी उन्हें अपना गुरू कहा था. गोपाल कृष्ण गोखले जंयती पर आप अपनों को शुभकामनाएं न दें ऐसा कैसे हो सकता है. इस खास अवसर पर आप इन विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स, जीआईएफ इमेजेस को अपनों के साथ शेयर कर सकते हैं.
1- गोपाल कृष्ण गोखले जयंती 2021
2- गोपाल कृष्ण गोखले जयंती 2021
3- गोपाल कृष्ण गोखले जयंती 2021
4- गोपाल कृष्ण गोखले जयंती 2021
5- गोपाल कृष्ण गोखले जयंती 2021
अंग्रेजी हुकूमत के दौरान देश की पराधीनता गोपाल कृष्ण गोखले को कचोटती रही और राष्ट्रभक्ति की धारा सदैव उनके मन में बहती रही. इसी वजह से उन्होंने देश को पराधीनता से मुक्ति दिलाने का अपना प्रयास जारी रखा. वे सन 1905 में आजादी के पक्ष में अंग्रेजों के सामने लाला लाजपत राय के साथ इंग्लैंड गए और वहां उन्होंने अपने देश की स्वतंत्रता की बात रखी. उन्होंने 19 फरवरी 1915 में अंतिम सांस ली थी, लेकिन उनके द्वारा किए गए महान कार्यों लिए आज भी वो लोगों के दिलों में जीवित हैं.