Ganesh Chaturthi 2024 Sanskrit Shlokas: गणेश चतुर्थी पर इन संस्कृत Quotes, WhatsApp Wishes, Facebook Messages को भेजकर दें बधाई
गणेश चतुर्थी के दिन देशभर में लोग भगवान शिव और माता पार्वती के लाड़ले पुत्र गणेश जी की प्रतिमाओं की धूमधाम से स्थापना करते हैं. गणपति बप्पा मोरया के जयकारे के साथ गणेश जी का स्वागत किया जाता है और विधि-विधान से उनकी पूजा-अर्चना की जाती है. ऐसे में इस बेहद खास अवसर पर आप इन संस्कृत श्लोक, कोट्स, वॉट्सऐप विशेज, फेसबुक मैसेजेस को भेजकर आप अपनों को बधाई दे सकते हैं.
Ganesh Chaturthi 2024 Sanskrit Shlokas: ‘गणपति बप्पा मोरया, मंगलमूर्ति मोरया...’ सावन महीने के समापन के बाद जैसे ही भाद्रपद महीने की शुरुआत होती है, हर कोई गणपति बप्पा (Ganpati Bappa) के स्वागत की तैयारियों में जुट जाता है. गणपति बप्पा के भव्य और शानदार स्वागत के लिए सार्वजनिक पंडालों को सजाया जाता है, घरों की भी खास तरीके से साज-सजावट की जाती है. दरअसल, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) का त्योहार मनाया जाता है और इसी के साथ दस दिवसीय गणेशोत्सव (Ganeshotsav) की शुरुआत हो जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है और भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi) के साथ गणेशोत्सव का समापन होता है. इस साल गणेशोत्सव की शुरुआत 7 सितंबर से हो रही है, जबकि इसका समापन 17 सितंबर 2024 को होगा.
गणेश चतुर्थी के दिन देशभर में लोग भगवान शिव और माता पार्वती के लाड़ले पुत्र गणेश जी की प्रतिमाओं की धूमधाम से स्थापना करते हैं. गणपति बप्पा मोरया के जयकारे के साथ गणेश जी का स्वागत किया जाता है और विधि-विधान से उनकी पूजा-अर्चना की जाती है. ऐसे में इस बेहद खास अवसर पर आप इन संस्कृत श्लोक, कोट्स, वॉट्सऐप विशेज, फेसबुक मैसेजेस को भेजकर आप अपनों को बधाई दे सकते हैं.
गौरतलब है कि गणेश चतुर्थी को विनायक चतुर्थी और गणेश चौथ के नाम से भी जाना जाता है. सभी देवताओं में प्रथम पूजनीय भगवान गणेश के भक्त इस पर्व को बहुत धूमधाम से मनाते हैं. खासकर, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का विशेष महत्व बताया जाता है, क्योंकि यह दिन ज्ञान, सौभाग्य और समृद्धि के देवता भगवान गणेश के जन्म का प्रतीक है. पार्वती नंदन के जन्मोत्सव के इस पर्व को देशभर में भक्ति पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाते हैं, लेकिन महाराष्ट्र में इसकी धूम देखते ही बनती है.