Ganesh Chaturthi 2019: आज है गणेश चतुर्थी, इस शुभ अवसर पर इन खास मंत्रों और भजनों से करें गणपति बाप्पा का शानदार स्वागत

गणेश चतुर्थी पर गणपति बाप्पा की प्रतिमा को घर लाने के बाद उनकी उपासना गणपति के खास मंत्रों और भजनों से की जाती है. इस दौरान गणपति बाप्पा मोरया, मंगलमूर्ति मोरया और गजानना श्री गणराया आदि वंदु तुझ मोरया जैसे नारे लगाए जाते हैं. अगर आप भी अपने घर पर गणपति बाप्पा का स्वागत करने के लिए तैयार हैं तो इस शुभ अवसर पर इन खास मंत्रों, श्लोकों और भजनों को जरूर सुनें.

भगवान गणेश (Photo Credits: Facebook)

Ganeshotsav 2019: हिंदू धर्म में मनाए जाने वाले बड़े त्योहारों में शुमार गणेशोत्सव (Ganeshotsav) का इंतजार अब खत्म हो चुका है. आज बाप्पा घर में और पंडालों में विराजमान हो जाएंगे. जो बड़ी मूर्तियां है उनकी स्थापना हो चुकी है और आज से उनकी पूजा और दर्शन मिलने शुरू हो जाएंगे. 2 सितंबर से 12 सितंबर तक मनाया जाएगा. गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) के दिन भगवान गणेश (Lord Ganesha) अपने भक्तों के बीच 10 दिनों तक रहेंगे. ऐसे में गणपति बाप्पा का धूमधाम से स्वागत करने के लिए भक्त भी पूरी तरह से तैयार हैं. भगवान शिव (Lord Shiva) और माता पार्वती (Mata Parvati) के लाड़ले पुत्र गणेश को ज्ञान और बुद्धि का देवता माना जाता है. हर साल भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का त्योहार उनके जन्मदिवस के तौर पर मनाया जाता है. गणपति बाप्पा की प्रतिमा को घर लाने के लिए काफी पहले से तैयारियां की जाती हैं.

गणपति बाप्पा की प्रतिमा को घर लाने के बाद उनकी उपासना गणपति के खास मंत्रों और भजनों से की जाती है. इस दौरान 'गणपति बाप्पा मोरया, मंगलमूर्ति मोरया' और 'गजानना श्री गणराया आदि वंदु तुझ मोरया' जैसे नारे लगाए जाते हैं. अगर आप भी अपने घर पर गणपति बाप्पा का स्वागत करने के लिए तैयार हैं तो इस शुभ अवसर पर इन खास मंत्रों, श्लोकों और भजनों को जरूर सुनें.

देखिए गणपति मंत्र और गणेश भजन के वीडियो-

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गौरतलब है कि गणेशोत्सव के दौरान गणपति के भजन और भक्तिमय गीतों को सुना जाता है. इस दौरान हर तरफ गणपति बाप्पा के जयकारे ही सुनाई देते हैं. दरअसल, गणेश चतुर्थी को विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है. गणेशोत्सव की शुरूआत सबसे पहले बाल गंगाधर तिलक ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ देशवासियों को एकजुट करने के लिए एक आंदोलन के रूप में की थी. इस उत्सव की शुरूआत पुणे से हुई थी, लेकिन समय के साथ साथ गणेशोत्सव का त्योहार हर साल धूमधाम से मनाया जाने लगा.

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