EID MILAD UN NABI 2019: जानें क्या है ईद-मिलाद-उन-नबी और इस्लाम में क्या है इसका महत्त्व

पैगंबर मोहम्मद इस्लाम के आखिरी नबी थे. वे अल्लाह के आखिरी संदेशवाहक थे जिन्होंने इस्लाम का प्रचार किया. पवित्र शहर मक्का में उनका जन्म अब्दुल्लाह इब्ने अब्दुल मुत्तलिब के घर में हुआ था. उनकी माता का नाम बीबी अमीना था. उन्हें 40 साल की उम्र में नबूवत दी गई.

सऊदी अरब के पवित्र शहर मदीना की मस्जिद ए नबवी (Photo: Getty Images)

EID E MILAD UN NABI 2019: इस्लामिक कैलेंडर का सबसे अहम महिना रबी उल अव्वल चल रहा है. इस महीने का इंतज़ार तमाम मुसलमानों को साल भर रहता है क्योंकि इसी महीने में इस्लाम के आखिरी पैगंबर मोहम्मद का जन्म हुआ था. 12 रबी उल अव्वल के दिन नबी-ये-रहमत इस दुनिया में आये थे. पैगंबर मुहम्मद साहब का जन्म सऊदी अरब के पवित्र शहर मक्का में हुआ था. उन्होंने इस्लाम धर्म का प्रचार और प्रसार किया. 12 रबी उल अव्वल को ईद-मिलाद-उन-नबी का त्योहार मनाया जाता है.

इस साल 10 नवंबर को ये मुक्कदस दिन पड़ रहा है. ईद मिलाद उन-नबी को ईद-ए-मिलाद और बारावफात भी कहते हैं. रबी-उल-अव्वल के 12वें दिन ही पैगंबर मोहम्मद साहब इस दुनिया से रुक्सत भी हुए थे.

कौन थे पैगंबर मोहम्मद:

पैगंबर मोहम्मद इस्लाम के आखिरी नबी थे. वे अल्लाह के आखिरी संदेशवाहक थे जिन्होंने इस्लाम का प्रचार किया. पवित्र शहर मक्का में उनका जन्म अब्दुल्लाह इब्ने अब्दुल मुत्तलिब के घर में हुआ था. उनकी माता का नाम बीबी अमीना था. उन्हें 40 साल की उम्र में नबूवत दी गई.

उन्होंने सऊदी अरब और उसके पास के इलाकों में इस्लाम का प्रचार और प्रसार किया. इस दौरान उन्हें काफी तकलीफों का सामना भी करना पड़ा. इस्लाम की तालीम दुनिया तक पहुंचने के लिए उन्हें युद्ध भी करना पड़ा.

ईद-मिलाद-उन-नबी के दिन ये करते हैं:

पैगंबर मोहम्मद के जन्म के मौके पर खुशिया मनाई जाती है. अलग-अलग शहरों में जुलुस निकले जाते हैं. इस दिन नफिल नमाज भी पढ़ी जाती है और पवित्र ग्रंथ कुरआन मजीद का पठान किया जाता है. ईद-ए-मिलाद के दिन दान और गरीबों को खाना भी खिलाया जाता है.

बता दें कि 63 साल की उम्र में पैगंबर मोहम्मद इसी दिन दुनिया से पर्दा कर गए. उन्होंने दुनिया में प्यार का पैगाम दिया था.

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