Eid Al-Fitr 2020 Wishes & Greetings: रमजान के समापन का जश्न मनाएं और अपनों से कहें ईद मुबारक, भेजें ये खूबसूरत WhatsApp Stickers, GIF Images, Quotes, SMS और Facebook Messages
कोरोना वायरस संक्रमण और लॉकडाउन के चलते इस साल भले ही आप अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और करीबियों से गले मिलकर ईद मुबारक नहीं कह सकते हैं, लेकिन रमजान के समापन और ईद-अल-फितर के खास मौके पर इन खूबसूरत विशेज, ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ इमेज, कोट्स, एसएमएस और फेसबुक मैसेज को सोशल मीडिया के जरिए ईद मुबारक कह सकते हैं.
Eid 2020 Mubarak Wishes In English: ईद-अल-फितर (Eid-al-Fitr) को ईद-उल-फितर (Eid-ul-Fitr) और मीठी ईद (Meethi Eid) के नाम से भी जाना जाता है. इस साल चांद के दीदार के बाद 23 या 24 मई को ईद मनाए (Eid Celebration) जाने की संभावना है. इस्लामिक कैलेंडर के नौवें महीने रमजान (Ramazan) को इस्लाम धर्म में बहुत पाक माना जाता है. इस दौरान पूरे महीने दुनिया भर के मुसलमान रोजा रखते हैं और अल्लाह की इबादत करते हैं. 29 या 30 रमजान के बाद शव्वाल (Shawwal) का चांद दिखाई देने पर अगली सुबह मस्जिदों में नमाज अदा की जाती है और सबसे ईद मुबारक (Eid Mubarak) कहा जाता है. हालांकि इस साल कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus) और सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) के नियमों का पालन करते हुए लोग एक-दूसरे के गले मिलकर ईद की मुबारकबाद नहीं दे सकेंगे.
कोरोना वायरस संक्रमण और लॉकडाउन के चलते इस साल भले ही आप अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और करीबियों से गले मिलकर ईद मुबारक नहीं कह सकते हैं, लेकिन रमजान के समापन और ईद-अल-फितर के खास मौके पर इन खूबसूरत विशेज, ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ इमेज, कोट्स, एसएमएस और फेसबुक मैसेज को सोशल मीडिया के जरिए ईद मुबारक (Eid Mubarak Wishes) कह सकते हैं.
1- ईद मुबारक
2- ईद-अल-फितर मुबारक
3- ईद-उल-फितर 2020
4- ईद की मुबारकबाद
5- ईद 2020 मुबारक
ईद मुबारक जीआईएफ
ईद-अल-फितर का फितर शब्द अरबी भाषा के शब्द फातर से लिया गया है, जिसका अर्थ है टूटना, इसलिए ईद-अल-फितर का मतलब है एक महीने के रोजे का समापन होना. आखिरी रमजान की शाम आसमान में शव्वाल का चांद नजर आते ही एक-दूसरे को मुबारकबाद देने का सिलसिला शुरू हो जाता है. ईद के दिन मुस्लिम समुदाय के लोग अपने घरों में मीठे पकवान खासतौर पर सेंवइयां बनाते हैं. छोटे बच्चों को ईदी दी जाती है, इसके साथ ही इस दिन गरीबों को जकात देने की परंपरा भी निभाई जाती है.