Diwali Padwa 2023 Wishes & Greetings: शुभ दिवाली पड़वा! प्रियजनों को भेजें ये शानदार WhatsApp Messages, GIF Images, HD Wallpapers और Photo SMS
महाराष्ट्र में दिवाली पड़वा की अनूठी झलक देखने को मिलती है, यहां इस पर्व को लोग अपने-अपने रीति-रिवाजों के अनुसार बहुत धूमधाम से मनाते हैं. इसके साथ ही शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान भी किया जाता है. ऐसे में इस बेहद खास अवसर पर आप भी इन शानदार विशेज, ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप मैसेजेस, जीआईएफ इमेजेस, एचडी वॉलपेपर्स और फोटो एसएमएस के जरिए शुभ दिवाली पड़वा कह सकते हैं.
Diwali Padwa 2023 Wishes & Greetings: कार्तिक मास की अमावस्या को दीपावली (Deepawali) यानी लक्ष्मी पूजन (Lakshmi Pujan) का त्योहार मनाए जाने के बाद अगले दिन यानी कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को महाराष्ट्र (Maharashtra) में दिवाली पड़वा (Diwali Padwa) का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. पांच दिवसीय दिवाली उत्सव (Diwali Festival) के चौथे दिन जहां देश के विभिन्न हिस्सों में गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) का पर्व मनाया जाता है तो वहीं कई जगहों पर बलि प्रतिपदा (Bali Pratipada) मनाई जाती है, जबकि महाराष्ट्र में इसे दिवाली पड़वा के तौर पर धूमधाम से सेलिब्रेट किया जाता है. इस साल दिवाली पड़वा का त्योहार उदया तिथि के अनुसार 14 नवंबर 2023 को मनाया जा रहा है. इस दिन लोग सोना खरीदते हैं, सुहागन महिलाएं अपने पति की आरती उतारती हैं और रात के समय आतिशबाजी की जाती है. वहीं उत्तर भारत में इस दिन लोग गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करते हैं और दान करते हैं. व्यापारियों के लिए इसे साल की शुरुआत के तौर पर देखा जाता है.
महाराष्ट्र में दिवाली पड़वा की अनूठी झलक देखने को मिलती है, यहां इस पर्व को लोग अपने-अपने रीति-रिवाजों के अनुसार बहुत धूमधाम से मनाते हैं. इसके साथ ही शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान भी किया जाता है. ऐसे में इस बेहद खास अवसर पर आप भी इन शानदार विशेज, ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप मैसेजेस, जीआईएफ इमेजेस, एचडी वॉलपेपर्स और फोटो एसएमएस के जरिए शुभ दिवाली पड़वा कह सकते हैं.
1- दिवाली पड़वा की शुभकामनाएं
2- दिवाली पड़वा की हार्दिक बधाई
3- दिवाली पड़वा 2023
4- हैप्पी दिवाली पड़वा
5- शुभ दिवाली पड़वा
इस पर्व से जुड़ी मान्यता के अनुसार, भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर असुर राजा बलि से तीन पग भूमि की मांग की थी, राजा बलि द्वारा अनुमति दिए जाने पर उन्होंने दो पग में ब्रह्मांड और पृथ्वी को माप लिया, जबकि अपना तीसरा पग उन्होंने राजा बलि के सिर पर रखा, जिससे असुर राजा सीधे पाताल लोक जा पहुंचे, लेकिन श्रीहरि राजा बलि से प्रसन्न थे, इसलिए उन्होंने राजा बलि को साल में तीन दिन के लिए पृथ्वी पर आने की अनुमति दी थी, इसलिए लक्ष्मी पूजन के अगले दिन को दिवाली पड़वा के अलावा बलि प्रतिपदा या बलि पूजा के नाम से भी जाना जाता है.