Datta Jayanti 2024 Messages: दत्त जयंती के इन शानदार हिंदी WhatsApp Wishes, Facebook Greetings, Quotes को भेजकर दें अपनों को शुभकामनाएं
त्रिदेवों के संयुक्त अवतार दत्तात्रेय भगवान के तीन सिर और छह भुजाएं हैं. उनका वाहन श्वान है और गुरुवार उनका प्रिय दिन है. दत्त जयंती के त्योहार को महाराष्ट्र के अलावा दक्षिण भारत में काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. ऐसे में इस पावन अवसर पर आप इन शानदार हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप विशेज, फेसबुक ग्रीटिंग्स, कोट्स को भेजकर अपनों को दत्त जयंती की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
Datta Jayanti 2024 Messages in Hindi: त्रिदेवों ब्रह्मा, विष्णु और महेश के संयुक्त रुप भगवान दत्तात्रेय की जयंती (Dattatreya Jayanti) हर साल मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है. इस साल 14 दिसंबर 2024 को दत्त जयंती (Datta Jayanti) का पर्व मनाया जा रहा है. दत्तात्रेय जयंती से जुड़ी प्रचलित कथा के अनुसार, ऋषि अत्रि की पत्नी और माता अनुसुइया ने कई वर्षों तक कठोर तप किया, ताकि उन्हें एक ऐसे पुत्र की प्राप्ति हो जिसमें त्रिदेवों के अंश समाहित हों. उनके कठोर तप को देखते हुए त्रिदेवियों के आग्रह पर जब उनकी परीक्षा लेने के लिए त्रिदेव साधु रूप में पहुंचे, तब देवी अनुसुइया ने उन पर मंत्र पढ़ते हुए कमंडल के जल का छिड़काव किया, जिसके कारण साधु बने त्रिदेव बाल रूप में आ गए. इसके बाद बाल रूपी ब्रह्मा, विष्णु और महेश को देवी अनुसुइया ने मां की तरह स्तनपान कराया. उस दौरान जब ऋषि अत्रि आश्रम पहुंचे तो उन्होंने अपनी दिव्य दृष्टि से सब जान लिया, फिर उन्होंने तीनों बच्चों को अपनी शक्ति से एक करते हुए उन्हें दत्तात्रेय नाम दिया.
त्रिदेवों के संयुक्त अवतार दत्तात्रेय भगवान के तीन सिर और छह भुजाएं हैं. उनका वाहन श्वान है और गुरुवार उनका प्रिय दिन है. दत्त जयंती के त्योहार को महाराष्ट्र के अलावा दक्षिण भारत में काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. ऐसे में इस पावन अवसर पर आप इन शानदार हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप विशेज, फेसबुक ग्रीटिंग्स, कोट्स को भेजकर अपनों को दत्त जयंती की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
ऐसी मान्यता है कि मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा पर भगवान दत्तात्रेय का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन उनकी जयंती को धूमधाम से मनाया जाता है. भगवान दत्तात्रेय एक ऐसे देवता हैं, जिनमें त्रिदेवों के अंश समाहित हैं, इसलिए उनकी पूजा करने मात्र से त्रिदेवों का आशीर्वाद एक साथ प्राप्त हो जाता है. इस दिन सुबह जल्दी स्नानादि से निवृत्त होकर भगवान दत्तात्रेय की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करनी चाहिए. पूजा के दौरान उन्हें हल्दी, चने की दाल, पीले फल, पीली मिठाई इत्यादि अर्पित किया जाना चाहिए. पूजा के आखिर में आरती उतारने के बाद पूजा संपन्न करनी चाहिए.