Datta Jayanti 2020 HD Images: हैप्पी दत्त जयंती! अपनों संग शेयर करें ये WhatsApp Stickers, Facebook Greetings, GIFs, Photo Wishes और Wallpapers
हर साल मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन दत्त यानी दत्तात्रेय जयंती मनाई जाती है. इस खास अवसर पर लोग शुभकामना संदेशों के जरिए एक-दूसरे को बधाई देते हैं. ऐसे में आप भी भगवान दत्त के इन मनमोहक एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स, जीआईएफ, फोटो विशेज और वॉलपेपर्स को अपनों के साथ शेयर करके उन्हें हैप्पी दत्त जयंती कह सकते हैं.
Datta Jayanti 2020 HD Images: सनातन धर्म में मार्गशीर्ष मास का खास महत्व बताया जाता है, इस महीने जहां मां लक्ष्मी और श्रीकृष्ण की उपासना की जाती है तो वहीं इसी महीने की पूर्णिमा तिथि को दत्त जयंती (Datta Jayanti) यानी दत्तात्रेय जयंती (Dattatreya Jayanti) मनाई जाती है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, इस साल दत्त जयंती का पर्व 18 दिसंबर 2021 (शनिवार) को मनाया जाएगा. दत्तात्रेय भगवान को त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश का एक रूप माना जाता है. कहा जाता है दत्त भगवान को 24 गुरुओं ने शिक्षा दी थी और उनके नाम से ही दत्त संप्रदाय का उदय हुआ है. दत्त संप्रदाय के लोग दत्तात्रेय जयंती को धूमधाम से मनाते हैं. ऐसी मान्यता है कि उनके पूजन से जीवन में सुख-समृद्धि और वैभव का आगमन होता है. इस दिन भक्त गुरुचरित्र का पाठ और उनके नाम का जप करते हैं. कहा जाता है कि जिन लोगों ने गुरु मंत्र लिया है, उन्हें गुरु से मिलना चाहिए और उनका आशीर्वाद लेना चाहिए.
हर साल मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन दत्त यानी दत्तात्रेय जयंती मनाई जाती है. इस खास अवसर पर लोग शुभकामना संदेशों के जरिए एक-दूसरे को बधाई देते हैं. ऐसे में आप भी भगवान दत्त के इन मनमोहक एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स, जीआईएफ, फोटो विशेज और वॉलपेपर्स को अपनों के साथ शेयर करके उन्हें हैप्पी दत्त जयंती कह सकते हैं.
1- दत्त जयंती की शुभकामनाएं
2- दत्त जयंती की हार्दिक बधाई
3- हैप्पी दत्त जयंती
4- दत्त जयंती 2021
5- शुभ दत्त जयंती
हिंदू धर्म ग्रंथ के मुताबिक, एक बार त्रिदेवों ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने महर्षि अत्रि मुनि की पत्नी अनुसूया के गुणों का परीक्षण करने का निर्णय किया. इसके बाद तीनों देव वेश बदलकर अत्रि मुनि के आश्रम पहुंचे और माता अनुसूया के सामने भोजन की इच्छा व्यक्त की. माता अनुसूया ने ध्यान किया तो उन्होंने देखा कि ब्रह्मा, विष्णु और महेश उनके सामने साधु के रूप में खड़े हैं, फिर उन्होंने कमंडल से तीनों साधुओं पर जल छिड़का, जिससे तीनों ऋषि शिशु बन गए. इसके बाद माता ने शिशुओं को भोजन कराया. त्रिदेवों को शिशु के रूप में देखकर देवी पार्वती, सरस्वती और लक्ष्मी पृथ्वी पर पहुंच गईं और माता अनुसूया से क्षमा मांगी, फिर तीनों देवताओं ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए माता अनुसूया के गर्भ से जन्म लेने का अनुरोध किया और त्रिदेवों ने दत्तात्रेय के रूप में जन्म लिया.