Chandra & Surya Grahan June 2020: साल का दूसरा चंद्र ग्रहण कल, 21 जून को लगेगा का इस वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण, जानें इससे जुड़ी खास बातें

जून महीने में दो ग्रहण लगने वाले हैं, जिसमें साल 2020 का दूसरा चंद्र ग्रहण 5 जून को लग रहा है, जबकि साल का पहला सूर्य ग्रहण 21 जून को लगेगा. ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, किसी महीने में दो या उससे अधिक ग्रहण पड़ते हैं तो यह लोगों के लिए कष्टकारी हो सकता है.जून महीने में लगने वाले चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण की सबसे खास बात तो यह है कि ये दोनों ही ग्रहण भारत में दिखाई देंगे.

चंद्र और सूर्य ग्रहण जून 2020 (Photo Credits: Pixabay)

Chandra & Surya Grahan June 2020: जून महीने में दो ग्रहण (Grahan) लगने वाले हैं, जिसमें साल 2020 का दूसरा चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) 5 जून को लग रहा है, जबकि साल का पहला सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) 21 जून को लगेगा. ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, किसी महीने में दो या उससे अधिक ग्रहण पड़ते हैं तो यह लोगों के लिए कष्टकारी हो सकता है. इससे पहले साल का पहला चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) 10 जनवरी को लगा था. जून महीने में लगने वाले चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) की सबसे खास बात तो यह है कि ये दोनों ही ग्रहण भारत में दिखाई देंगे. हालांकि 5 जून को लगने वाला चंद्र ग्रहण वास्तव में उपच्छाया ग्रहण है, जिसे अधिक प्रभावशाली नहीं माना जाता है, इसलिए इस दौरान सूतक काल का पालन करना अनिवार्य नहीं है. चलिए जून महीने में लगने वाले साल के दूसरे चंद्र ग्रहण और पहले सूर्य ग्रहण से जुड़ी खास बातों पर एक नजर डालते हैं.

5 जून को साल का दूसरा चंद्र ग्रहण

साल 2020 के दूसरे चंद्र ग्रहण की शुरुआत 5 जून की रात 11.16 बजे से हो जाएगी, जो 6 जून मध्यरात्रि 02.32 बजे खत्म होगा. ग्रहण रात में 12.52 बजे अपने अधिकतम प्रभाव में हो सकता है. यह उपच्छाया ग्रहण यानी पेनिमब्रल चंद्र ग्रहण (Penumbral Lunar Eclipse) है. चंद्र ग्रहण की यह खगोलीय घटना यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका और भारत में दिखाई देगी. हालांकि ग्रहण काल के दौरान चंद्रमा के आकार में कोई परिवर्तन नहीं दिखेगा, केवल चंद्रमा की छवि मलिन यानी चांद मटमैला नजर आएगा. उपच्छाया चंद्र ग्रहण ऐसी स्थिति में बनता है, जब चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया न पड़ कर केवल उसकी उपच्छाया पड़ती है. इस दौरान चंद्रमा पर एक धुंधली सी छाया नजर आती है. यह भी पढ़ें: Chandra Grahan 2020: 5 जून को लग रहा है Penumbral चंद्र ग्रहण, जानें इस दौरान क्या करें और क्या नहीं

कैसे लगता है चंद्रमा को ग्रहण?

चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है. जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीधी रेखा में आ जाते हैं तो पृथ्वी की स्थिति के आधार पर हम सूर्य या चंद्र ग्रहण देखते हैं. जब आसमान में पूरा चांद निकला हो और उस दौरान पृथ्वी, सूर्य व चंद्रमा के बीच आ जाए तो ऐसी स्थिति में सूर्य की किरणे चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाती हैं, जिसे चंद्र ग्रहण कहते हैं. साल 2020 में 4 चंद्र ग्रहण हैं. पहला 10 जनवरी को लगा था, दूसरा 5 जून को है, तीसरा 5 जुलाई और चौथा चंद्र ग्रहण 30 नवंबर को लगेगा. चंद्र ग्रहण तीन प्रकार का होता है- पहला पूर्ण चंद्र ग्रहण, दूसरा आंशिक चंद्र ग्रहण और तीसरा उपच्छाया चंद्र ग्रहण.

21 जून का साल का पहला सूर्य ग्रहण

साल के दूसरे चंद्र ग्रहण के बाद 21 जून को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगेगा. सूर्य ग्रहण की शुरुआत सुबह 09.15 बजे से होगी और समापन दोपहर 03.04 बजे होगा. ज्योतिषीय शास्त्र के अनुसार, आषाढ मास की अमावस्या तिथि को लगने वाले सूर्य ग्रहण को अच्छा नहीं माना जा रहा है. इस सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 5 घंटे 48 मिनट की होगी. इस खगोलीय घटना को भारत के अलावा दक्षिण पूर्व यूरोप, अफ्रीका, अफगानिस्तान, चीन, पाकिस्तान, वर्मा में देखा जा सकेगा. सूर्य ग्रहण का सूतक 20 जून की रात 10.20 बजे से आरंभ हो जाएगा. इस ग्रहण का परमग्रास 99.4 फीसदी होगा, जिसका मतलब है कि कई जगहों पर सूर्य पूरी तरह छुप जाएगा. यह भी पढ़ें: Solar/Lunar Eclipse in Year 2020: साल 2020 में लगेंगे कुल 6 ग्रहण, जानें चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण की तिथियां

कैसे लगता है सूर्य को ग्रहण?

चंद्र ग्रहण की तरह ही सूर्य ग्रहण भी एक खगोलीय घटना है. जब पृथ्वी और सूर्य के बीच चंद्रमा आ जाता है तो सूर्य को ग्रहण लगता है. इस दौरान चांद की छाया धरती पर पड़ती है, जिस जगह पर चंद्रमा की छाया पड़ती है वहां आंशिक रूप से अंधेरा छा जाता है. सूर्य ग्रहण को नंगी आंखों से देखना हानिकारक माना जाता है, इसलिए सूर्य ग्रहण का नजारा नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए. सूर्य ग्रहण तीन प्रकार का होता है- पूर्ण सूर्य ग्रहण, आंशिक सूर्य ग्रहण और वलयाकार सूर्य ग्रहण.

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