Bhoot Chaturdashi 2023 Wishes: हैप्पी भूत चतुर्दशी! दोस्तों-रिश्तेदारों संग शेयर करें ये हिंदी WhatsApp Stickers, GIF Greetings, Wallpapers और Photo SMS
भूत चतुर्दशी का पर्व भूत-प्रेत या आत्माओं से जुड़ा है, इसलिए इस दिन शाम के बाद तांत्रिक क्रियाओं के लिए तांत्रिकों या अघोरियों का जमावड़ा लगता है. ऐसा कहा जाता है कि तंत्र साधना से इस रात तांत्रिक भूतों को बुलाते हैं और इस क्रिया को भूत उत्सव के रूप में जाना जाता है. इस अवसर पर आप इन विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉलपेपर्स और फोटो एसएमएस को भेजकर हैप्पी भूत चतुर्दशी विश कर सकते हैं.
Bhoot Chaturdashi 2023 Wishes in Hindi: पांच दिवसीय दिवाली उत्सव (Diwali Festival) के दौरान धनतेरस (Dhanteras), नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi), लक्ष्मी पूजन (Laxmi Pujan), गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) और भाई दूज (Bhai Dooj) जैसे त्योहार मनाए जाते हैं, लेकिन इसी दौरान कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को पश्चिम बंगाल में भूत चतुर्दशी (Bhoot Chaturdashi) मनाई जाती है. इसे नरक चतुर्दशी, छोटी दिवाली, काली चौदस और रूप चौदस के नाम से भी जाना जाता है. भूत चतुर्दशी दीपावली यानी लक्ष्मी पूजन से एक दिन पहले मनाई जाती है, जो इस साल 11 नवंबर 2023 को है. शास्त्रों के अनुसार भूत चतुर्दशी के दिन तांत्रिक पूजा रात्रि में होती है. मान्यता है कि भूत चतुर्दशी के दिन एक परिवार के 14 पूर्वज अपने जीवित रिश्तेदारों से मिलने के लिए घर पर पहुंचते हैं, इसलिए इस रात 14 दीए पूर्वजों के नाम जलाए जाते हैं. इसके साथ ही कहा जाता है कि इस रात बुरी शक्तियां अधिक हावी होती हैं और इन बुरी शक्तियों को दूर रखने के लिए दीप जलाए जाते हैं.
भूत चतुर्दशी का पर्व भूत-प्रेत या आत्माओं से जुड़ा है, इसलिए इस दिन शाम के बाद तांत्रिक क्रियाओं के लिए तांत्रिकों या अघोरियों का जमावड़ा लगता है. ऐसा कहा जाता है कि तंत्र साधना से इस रात तांत्रिक भूतों को बुलाते हैं और इस क्रिया को भूत उत्सव के रूप में जाना जाता है. इस अवसर पर आप इन विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉलपेपर्स और फोटो एसएमएस को भेजकर हैप्पी भूत चतुर्दशी विश कर सकते हैं.
1- भूत चतुर्दशी की शुभकामनाएं
2- भूत चतुर्दशी की हार्दिक बधाई
3- हैप्पी भूत चतुर्दशी
4- भूत चतुर्दशी 2023
5- भूत चतुर्दशी मुबारक
गौरतलब है कि भूत चतुर्दशी को देश के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है. इस दिन मृत्यु के देवता यमराज के निमित्त दीपक जलाया जाता है. इस दिन कई जगहों पर रात के समय अघोरी तांत्रिक क्रियाएं की जाती हैं और तंत्र से तांत्रिक भूतों को बुलाते हैं. पश्चिम बंगाल में इस दिन मां पार्वती के उग्र स्वरूप मां काली की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. तंत्र शास्त्र के साधक भी महाकाली की साधना को सबसे प्रभावशाली मानते हैं और बुरी आत्माओं व नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति पाने के लिए मां काली की उपासना की जाती है.