Basava Jayanti 2024 Wishes: बसव जयंती के इन शानदार WhatsApp Stickers, GIF Greetings, HD Images, Wallpapers को शेयर कर दें शुभकामनाएं
कर्नाटक और आंध्र प्रदेश जैसे दक्षिणी राज्यों में बसव जयंती का ऐतिहासिक व सांस्कृतिक महत्व बताया जाता है. यह उत्सव बसवन्ना के जीवन और उनकी शिक्षाओं को सम्मानित करता है, जिन्होंने आजीवन सामाजिक समानता, मानव अधिकार और जाति व्यवस्था के खिलाफ वकालत की. बसव जयंती पर आप इन शानदार विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, एचडी इमेजेस, वॉलपेपर्स को शेयर कर शुभकामनाएं दे सकते हैं.
Basava Jayanti 2024 Wishes in Hindi: 12वीं सदी के दार्शनिक, कवि और समाज सुधारक बसवन्ना (Basavanna) के जन्मोत्सव को बसव जयंती (Basava Jayanti) के तौर पर मनाया जाता है. उन्हें व्यापक तौर पर लिंगायत धर्म के संस्थापक के रूप में मान्यता प्राप्त है. इसके साथ ही उन्हें सामाजिक समानता, मानव अधिकारों और जाति व्यवस्था के खिलाफ उनके शिक्षणों के लिए जाना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को बसव जयंती मनाई जाती है, जबकि अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस साल 10 मई 2024 को बसव जयंती मनाई जा रही है. बसव जयंती के पर्व को कर्नाटक (Karnataka) और आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) में धूमधाम से मनाया जाता है, क्योंकि यहां बसवन्ना का अधिकतम प्रभाव था. इस दिन बसवन्ना की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है.
कर्नाटक और आंध्र प्रदेश जैसे दक्षिणी राज्यों में बसव जयंती का ऐतिहासिक व सांस्कृतिक महत्व बताया जाता है. यह उत्सव बसवन्ना के जीवन और उनकी शिक्षाओं को सम्मानित करता है, जिन्होंने आजीवन सामाजिक समानता, मानव अधिकार और जाति व्यवस्था के खिलाफ वकालत की. बसव जयंती के इस शुभ अवसर पर आप इन शानदार विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, एचडी इमेजेस, वॉलपेपर्स को शेयर कर शुभकामनाएं दे सकते हैं.
2- बसव जयंती का हार्दिक बधाई
3- हैप्पी बसव जयंती
4- बसव जयंती 2024
5- हैप्पी बसव जयंती 2024
कहा जाता है कि भगवान को निराकार मानने वाले महात्मा बसवन्ना का जन्म 1134 ईस्वी में कर्नाटक स्थित बीजापुर जिले के भागेवाड़ी में हुआ था. उन्हें विश्वगुरु, भक्ति भंडारी और बसव के नाम से जाना जाता है. उनके द्वारा स्थापित किए गए लिंगायत समाज को कर्नाटक में अगड़ी जातियों में गिना जाता है. इस दिन को सभी शहरों और गांवों के लोगों द्वारा बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. इस दिन सभी लोग मिलकर भगवान बसवेश्वर के मंदिरों में पूजा-अर्चना कर इस उत्सव को धूमधाम से मनाते हैं.