Ashadh Vinayak Chaturthi 2021 Wishes: हैप्पी आषाढ़ विनायक चतुर्थी! भेजें भगवान गणेश के ये मनमोहक WhatsApp Stickers, Facebook Greetings और GIF Images
मान्यता है कि आषाढ़ मास की विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने से भक्तों के सभी विघ्न दूर होते हैं और गणेश जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है. इस खास अवसर पर आप भगवान गणेश के मनमोहक फोटोज, विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स और जीआईएफ इमेजेस के जरिए अपने दोस्तों-रिश्तेदारों को हैप्पी आषाढ़ विनायक चतुर्थी कहकर शुभकामनाएं दे सकते हैं.
Ashadh Vinayak Chaturthi 2021 Wishes in Hindi: भगवान गणेश (Lord Ganesha) को सभी देवताओं में प्रथम पूजनीय माना जाता है, इसलिए किसी भी शुभ और मांगलिक कार्य की शुरुआत करने से पहले भगवान शिव (Lord Shiva) और माता पार्वती (Mata Parvati) के लाड़ले पुत्र गणेश जी की पूजा की जाती है. आज आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi) है. भगवान गणेश के तमाम भक्त उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए आज विशेष पूजा-अर्चना कर रहे हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जो भी व्यक्ति पूरी श्रद्धा और भक्तिभाव से विनायक चतुर्थी का व्रत और पूजन करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इसके साथ भक्तों के जीवन से सभी संकट दूर होते हैं और सभी बिगड़े कार्य बनने लगते हैं.
मान्यता है कि आषाढ़ मास की विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने से भक्तों के सभी विघ्न दूर होते हैं और गणेश जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है. इस खास अवसर पर आप भगवान गणेश के मनमोहक फोटोज, विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स और जीआईएफ इमेजेस के जरिए अपने दोस्तों-रिश्तेदारों को हैप्पी आषाढ़ विनायक चतुर्थी कहकर शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- आषाढ़ विनायक चतुर्थी 2021
2- आषाढ़ विनायक चतुर्थी 2021
3- आषाढ़ विनायक चतुर्थी 2021
4- आषाढ़ विनायक चतुर्थी 2021
5- आषाढ़ विनायक चतुर्थी 2021
हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने में दो चतुर्थी तिथि आती है और यह तिथि भगवान गणेश को अत्यंत प्रिय है. पूर्णिमा के बाद एक कृष्ण पक्ष और दूसरी अमावस्या के बाद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर व्रत रखा जाता है. इस दिन भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा की जाती है. इस व्रत के प्रभाव से भक्तों को सभी संकटों से मुक्ति मिलती है और उनके जीवन से सारे विघ्न दूर होते हैं. इस दिन व्रत रखकर भगवान गणेश की पूजा के बाद रात में चंद्रमा की पूजा की जाती है, तभी यह व्रत पूर्ण माना जाता है.