Ambedkar Jayanti 2021: महिला सशक्तिकरण के मसीहा बाबासाहेब आंबेडकर! जानें उनके द्वारा नारी उत्थान के लिए किए गए सराहनीय कार्य

डॉ. भीम राव आंबेडकर की जब भी चर्चा होती है तो बात दलितोत्थान एवं दलितों को आरक्षण पर आकर थम जाती है. उन्हें 'दलितों का मसीहा' की संज्ञा से भी नवाजा जाता है. बहुत कम लोगों को ज्ञात होगा कि डॉ आंबेडकर ने महिला सशक्तिकरण के लिए सबसे ज्यादा और ठोस कार्य किये, जिसका सुख आज महिलाएं उठा रही हैं, वरना आजादी से पूर्व महिलाओं को इतने अधिकार प्राप्त नहीं थे.

हैप्पी आंबेडकर जयंती 2021 (Photo Credits: File Image)

Dr. Babasaheb Ambedkar Jayanti 2021: डॉ. भीम राव आंबेडकर (Dr. Babasaheb Ambedkar) की जब भी चर्चा होती है तो बात दलितोत्थान एवं दलितों को आरक्षण पर आकर थम जाती है. उन्हें 'दलितों का मसीहा' की संज्ञा से भी नवाजा जाता है, लेकिन डॉ आंबेडकर (Dr. Ambedkar) के व्यक्तित्व एवं चिंतन को सही ढंग से परिभाषित किया जाये तो उनमें कुशल अर्थशास्त्री, समाज सुधारक, कानून विशेषज्ञ एवं आम मजदूरों के नेता के साथ-साथ कलम के सिपाही बिंब देखने को मिलेंगे. बहुत कम लोगों को ज्ञात होगा कि डॉ आंबेडकर ने महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment) के लिए सबसे ज्यादा और ठोस कार्य किये, जिसका सुख आज महिलाएं उठा रही हैं, वरना आजादी से पूर्व महिलाओं को इतने अधिकार प्राप्त नहीं थे. आज 14 अप्रैल 2021 के दिन जब संपूर्ण देश उनकी 130वीं जयंती मना रहा है, हम उनके द्वारा किए महिला उत्थान के चितंन एवं कार्यों पर चर्चा करेंगे.

गौरतलब है कि भारत में महिला सशक्तीकरण के असली नायक डॉ आंबेडकर ही थे. संविधान का प्रारूप तैयार करने का निर्देश मिलने के बाद 5 फरवरी 1951 को उन्होंने संसद में 'हिंदू कोड बिल' पेश किया. इसका मकसद हिंदू महिलाओं को सामाजिक शोषण से आजाद कराना और पुरुषों के बराबर अधिकार दिलाना था. उनका मानना था कि भारतीय प्रजातंत्र की सच्ची तस्वीर तभी सामने आयेगी, जब महिलाओं को पैतृक संपत्ति में बराबरी का हिस्सा मिलेगा और पुरुषों के समान अधिकार दिये जायेंगे, लेकिन तब कुछ कट्टर पंथियों ने इस बिल को पास नहीं होने दिया, तब डॉ आंबेडकर ने इस्तीफा दे दिया, यद्यपि बाद में उन्होंने महिला सशक्तिकरण पर अपने कई मंसूबों को पूरा किया.

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