रविवार को करें सूर्य उपासना! ये 7 उपाय आपके हर संकटों से दिला सकते हैं मुक्ति!

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक सूर्य को नवग्रहों में प्रथम ग्रह एवं पिता के भाव कर्म का स्वामी माना गया है . सूर्य से ही व्यक्ति को जीवन, ऊर्जा एवं शक्ति प्राप्ति होती है. हिंदू धर्म शास्त्रों में उल्लेखित है कि अनुशासित तरीके से सूर्य साधना करने से भगवान भास्कर प्रसन्न होकर भक्तों को सुख, समृद्धि, संतान लाभ एवं अच्छी सेहत का आशीर्वाद देते हैं.

सूर्य (Photo Credits: pixabay)

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक सूर्य को नवग्रहों में प्रथम ग्रह एवं पिता के भाव कर्म का स्वामी माना गया है. सूर्य से ही व्यक्ति को जीवन, ऊर्जा एवं शक्ति प्राप्ति होती है. हिंदू धर्म शास्त्रों में उल्लेखित है कि अनुशासित तरीके से सूर्य साधना करने से भगवान भास्कर प्रसन्न होकर भक्तों को सुख, समृद्धि, संतान लाभ एवं अच्छी सेहत का आशीर्वाद देते हैं. कहते हैं कि सूर्यदेव की आराधना से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है. कहते हैं कि जिसकी कुंडली में सूर्य कमजोर होता है, उसके जीवन में सेहत से लेकर आर्थिक नुकसान जैसी तमाम समस्याएं निरंतर बनी रहती हैं, लेकिन ज्योतिषियों का मानना है कि रविवार के दिन निम्न उपाय करने से तमाम संकट दूर हो सकते हैं.

* तांबे के लोटे में जल लें. इसमें लाल फूल और अक्षत डालकर पूरी निष्ठा के साथ सूर्य का ध्यान करें और सूर्य-मंत्र का जाप करते हुए अर्घ्य दें. इस विधि से अर्घ्य देने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं.

* रोजाना सूर्योदय से पूर्व शुद्ध होकर स्नान करें. इसके बाद सूर्य नारायण को तीन बार अर्घ्य देकर प्रणाम करें. संध्या के समय फिर से सूर्य को अर्घ्य देकर प्रणाम करें. सारे संकट दूर होंगें.

* रविवार को उपवास रखें, लेकिन नमक का सेवन नहीं करें, यहां तक कि सेँधा नमक भी ना खायें. स्नान करके सूर्य देव को जल अर्पित करें. अब सूर्य की रोशनी में बैठकर ‘आदित्य ह्रदय स्त्रोत’ का पाठ करें, एवं विजय प्राप्ति की प्रार्थना करें, मन की सारी मनोकामनाएं पूरी होंगी. लेकिन यहां इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि अगर आपके चिकित्सक ने नमक खाना जरूरी बताया है तो डॉक्टर की सलाह मानियें, क्योंकि जान है तो जहां है. आप दूसरे उपाय भी कर सकते हैं,

* जल में लाल फूल डालकर सूर्योदय को अर्पित करें. सूर्यदेव को गुड़ का भोग लगाएं. लाल चंदन की माला अर्पित करें. ‘ॐ आदित्याय नमः’ का जाप करें. पूजा के पश्चात माला को धारण कर लें. यह भी पढ़ें : Papankusha Ekadashi Vrat 2021: पापांकुशा व्रत रखने से मिलती है, सारे पापों से मुक्ति! जानें व्रत का महात्म्य, पूजा विधि एवं व्रत कथा!

* अगर कोई शत्रु आपको नाहक परेशान कर रहा है तो स्वच्छ पानी में गंगाजल की कुछ बूंदें, रोली, चंदन और फूल डालकर सूर्य भगवान को अर्पित करें. इसके पश्चात किसी गरीब को गेहूं, गुड़, तांबे का एक बर्तन दान करें. संभव हो तो रविवार को माणिक्य पहनें. विशेष लाभ होगा.

* रविवार को प्रातःकाल उठकर स्नान करने के पश्चात उगते हुए सूर्य को जल में गुड़ डालकर अर्पित करें. इस क्रम को लगातार 21 दिनों तक नियमित रूप से करें. ऐसा करने से घर-परिवार में चल रही धन की समस्या दूर होगी. आय के नये स्त्रोत बनेंगे.

* सूर्य देव को लाल रंग बहुत प्रिय है. सुबह स्नान करने के पश्चात अगर तांबे के लोटे में जल एवं थोड़ा सा कुमकुम एवं लाल पुष्प डालकर सूर्य को अर्घ्य दें, एवं इसके पश्चात एक लोटा जल बरगद के पेड़ की जड़ में डालें. ऐसा करने से आपकी कुण्डली में सूर्य की स्थिति मजबूत बनती है. अगर ऐसा होता है तो मान लीजिये कि आपके जीवन की सारी कठिनाइयां लुप्त हो रही हैं.

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