छोटी आंत के कैंसर से बचाव करने में मददगार है एस्पिरिन और ओमेगा-3
छोटी आंत के कैंसर के अत्यधिक जोखिम वाले मरीजों में एस्पिरिन व ओमेगा-3 का सेवन सुरक्षित व कैंसर के खतरे की संभावना को कम करने में कारगर है. लैंसेट पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन में कम कीमत वाली इन औषधियों से छोटी आंत के कैंसर के अत्यधिक जोखिम वाले मरीजों में प्री-कैंसर पॉलिप की संख्या में कमी दिखाई दी है.
लंदन: छोटी आंत के कैंसर के अत्यधिक जोखिम वाले मरीजों में एस्पिरिन व ओमेगा-3 का सेवन सुरक्षित व कैंसर के खतरे की संभावना को कम करने में कारगर है. लैंसेट पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन में कम कीमत वाली इन औषधियों से छोटी आंत के कैंसर के अत्यधिक जोखिम वाले मरीजों में प्री-कैंसर पॉलिप की संख्या में कमी दिखाई दी है. शोध के निष्कर्षो से पता चलता है कि जिन मरीजों ने एस्पिरिन लिया, उनमें प्रायोगिक औषधि को लेने वाले मरीजों की तुलना में 22 फीसदी पॉलिप कम विकसित हुए.
बताया जा रहा है कि जिन मरीजों ने ओमेगा-3 लिया, उनमें प्रायोगिक औषधि लेने वाले मरीजों की तुलना में नौ फीसदी कम पॉलिप बने. ओमेगा-3 को ईपीए (इकोसपटेनोइक एसिड) भी कहते हैं.
शोधकर्ताओं का कहना है कि एस्पिरिन व ईपीए का इस्तेमाल पॉलिप की संख्या पर प्रभावकारी होने के बाद भी एस्पिरिन व ईपीए का एक साथ इस्तेमाल ज्यादा प्रभावी है. इसकी वजह है कि यह कोलोनोस्कोपी के साथ रोकथाम की एक अलग परत बनाता है. यह भी पढ़ें: भारत में तेजी से बढ़ रहे हैं कैंसर के मामले, छह साल में 15.7 फीसदी बढ़ी मरीजों की संख्या
ब्रिटेन के लीड्स विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मार्क हुल ने कहा, "परीक्षण दिखाता है कि एस्पिरिन व ईपीए दोनों रोकथाम में कारगर हैं. यह काफी उत्साहित करने वाला है कि कैंसर मरीजों को दी जाने दवाओं की तुलना में यह सस्ता व सुरक्षित यौगिक है." यह भी पढ़ें: ब्रेस्ट कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचना है तो आज ही से अपनी इस आदत को कह दीजिए अलविदा