Ashura 2022 HD Images: आशुरा पर ये Wallpapers और GIF भेजकर इमाम हुसैन की शहादत को करें याद

मुहर्रम (Muharram 2022) इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना है. कुछ मुसलमान महीने के नौवें और 10वें या 10वें और 11वें दिन दिन के उजाले के दौरान रोजा रखते हैं. वे मस्जिदों या निजी घरों में विशेष दुआ में भी शामिल होते हैं. सभी मुस्लिम इस अवसर को समान रूप से नहीं मनाते हैं. कुछ मुसलमान मुहर्रम को कर्बला की लड़ाई की याद में शोक का महीना मानते हैं...

Ashura 2022 (Photo Credits: File Image)

Ashura 2022 HD Images: मुहर्रम (Muharram 2022) इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना है. कुछ मुसलमान महीने के नौवें और 10वें या 10वें और 11वें दिन दिन के उजाले के दौरान रोजा रखते हैं. वे मस्जिदों या निजी घरों में विशेष दुआ में भी शामिल होते हैं. सभी मुस्लिम इस अवसर को समान रूप से नहीं मनाते हैं. कुछ मुसलमान मुहर्रम को कर्बला की लड़ाई की याद में शोक का महीना मानते हैं. मुहर्रम मुख्य रूप से एक इस्लामी अवकाश है, लेकिन अन्य धर्मों के लोग भी भारत में मुहर्रम की गतिविधियों में भाग ले सकते हैं या उनका पालन कर सकते हैं.

सुन्नी और शिया मुसलमान दोनों भारत और दुनिया भर में मुहर्रम के 10वें दिन को मनाते हैं. शिया मुसलमान मुहर्रम को शोक के महीने के रूप में मनाते हैं. मुहर्रम की 10 तारीख उस तारीख को चिह्नित करती है जब कर्बला में नरसंहार हुआ था और जब 680 ई. में इमाम हुसैन ने कुर्बानी दी थी. इमाम हुसैन पैगंबर मुहम्मद के पोते थे. मुसलमानों का मानना ​​है कि अल्लाह ने मुहर्रम की 10 तारीख को आदम और हव्वा को बनाया था. शिया मुसलमान इसे मुहर्रम की याद और कर्बला की लड़ाई में हुसैन इब्न अली (पैगंबर मुहम्मद के पोते) की शहादत के रूप में देखते हैं.

सुन्नियों के लिए, आशूरा वह दिन है जब मूसा ने इस्राएलियों की स्वतंत्रता के लिए अपनी कृतज्ञता दिखाने के लिए उपवास किया था. इस दिन आप नीचे दिए गए मैसेजेस HD Wallpapers और GIF Images के जरिए भेजकर इमाम हुसैन की शहादत को याद कर सकते हैं.

आशुरा 2022

Ashura 2022 (Photo Credits: File Image)

आशुरा 2022

Ashura 2022 (Photo Credits: File Image)

आशुरा 2022

Ashura 2022 (Photo Credits: File Image)

आशुरा 2022

Ashura 2022 (Photo Credits: File Image)

आशुरा 2022

Ashura 2022 (Photo Credits: File Image)

सुन्नी और शिया मुसलमान दोनों भारत और दुनिया भर में मुहर्रम के 10वें दिन को मनाते हैं. कई शिया मुसलमान मुहर्रम को शोक के महीने के रूप में मनाते हैं. मुहर्रम की 10 तारीख उस तारीख को चिह्नित करती है जब कर्बला में नरसंहार हुआ था और जब 680 ई. में इमाम हुसैन की मृत्यु हुई थी. इमाम हुसैन पैगंबर मुहम्मद के पोते थे.

Share Now

\