आयुष मंत्रालय (Ayush Mantralaya) की ओर से समय-समय पर लोगों को इम्यूनिटी बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है. ताकि कोरोना वायरस अगर हमला भी करे तो हल्के लक्षण के बाद लोग ठीक हो जाएं. अब इम्युनिटी बढ़ाने के लिए च्वयनप्राश (Chyawanprash) एक अच्छा विकल्प है, लेकिन लोग सोचते हैं कि गर्मी में यह नुकसान करता है. अगर स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो च्यवनप्राश गर्मी के मौसम में भी खा सकते हैं. इस बारे में जब से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि ऐसा कहीं भी नहीं लिखा है कि च्यवनप्राश केवल ठंड के मौसम में लेना चाहिए. च्यवनप्राश गरम होता है ये भी एक भ्रामक खबर है. इसको किसी भी मौसम में खा सकते हैं.इससे कोई नुकसान नहीं होता.
दरअसल च्यवनप्राश का मूल घटक आंवला हैं और यह जाड़े में ही ज्यादा होता है, इसलिए लोग इसे उसी वक्त ताजा च्यवनप्रश या आंवले से जुड़ी सामग्री बनाते थे और खाते थे. लेकिन अब यह साल भर उपलब्ध रहता है. डॉ नेसारी ने कहा कि आंवला तो फेफड़े और हृदय के लिए काफी फ़ायदेमंद होता है. इस दौरान उन्होंने गरम पानी पिने को लेकर कहा कि गरम पानी को कहा जा रहा है इसका ये मतलब नहीं है कि उबला पानी पीना है. केवल ताजा पानी पिएंगे तो भी सही है, लेकिन फ्रिज का एक दम ठंडा पानी या ठंडी कोल्ड ड्रिंक से परहेज करें. यह भी पढ़े: दवा प्रतिरोधी तपेदिक की जांच करने वाली मशीनों का इस्तेमाल कोरोना वायरस की जांच में होगा
ड्राई कफ में पुदीना और अजवाइन की लें भांप
डॉ. नेसारी ने आयुष मंत्रालय की ओर से जारी की गई एडवाइजरी के बारे में और वायरस से सहित सामान्य सर्दी जुकाम को लेकर भी सलाह दी। उन्होंने कहा कि कई बार लोगों को इस वक्त ड्राइ कफ हो जाता है, ऐसे में पुदीना और अजवाइन की भाप लेने से काफी फायदा होता है। अगर किसी को फेफड़े में कोई इंफ्केशन है या किसी को बार-बार सर्दी-खांसी, जुकाम होता है, तो इसकी भाप लेना चाहिए। इसके अलावा तेल और हल्का नमक गरम करके पीठ में और सीने में मलना चाहिए, इससे सांस से संबंधित समस्याओं या जुकाम में भी काफी राहत मिलती है। इलके अलावा उन्होंने लोगों को इन दिनों आयुष काढ़ा पीने की सलाह दी जो इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है। इसके लिए तुलसी, अदरक, दालचीनी और काली मिर्च को पानी में डाल कर उबाल लें। अच्छी तरह उबलने के बाद उसे पी सकते हैं। ये स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है.
वायरस को हराने के लिए इम्यूनिटी बढ़ाना जरूरी
अब जब दुनिया के तमाम वैज्ञानिक और डॉक्टर ये मान कर चल रहे हैं कि हो सकता है यह वायरस काफी लंबे समय तक रहे। क्योंकि कोई भी वायरस एक बार लोगों के बीच फैल जाता है, तो धीरे-धीरे जाता है। हो सकता है, दो महीना या छह महीने तक रहे और फिर खत्म हो जाए। लेकिन ऐसा भी हो सकता है कि यह दो-चार साल में फिर से आ जाए। इसलिए उसके साथ जीना सीखना चाहिए.
डॉ. नेसारी कहते हैं कि इसके लिए अब जरूरी है कि लोग अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने पर फोकस करें. क्योंकि वायरस से जितने लोग संक्रमित हो रहे हैं, उनमें से 38.79 प्रतिशत मरीज ठीक हो चुके हैं. अब तक देश में 39,174 लोग ठीक हो चुके हैं। कहीं न कहीं इम्यूनिटी की वजह से संक्रमितों को ठीक होने में मदद मिल रही है। वहीं आयुष मंत्रालय ने भी अलग-अलग राज्यों के अस्पतालों में कुछ प्रयास किए हैं. उनका भी फायदा कहीं न कहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि अगर किसी को खाने-पीने से संबंधित कोई और जानकारी चाहिए तो आयुष मंत्रालय की वेबसाइट पर देख सकते हैं.