Delhi Cloud Seeding Artificial Rain: दिल्ली में क्लाउड सीडिंग से आर्टिफिशियल रेन क्यों नहीं हुई? IIT कानपुर के डायरेक्टर ने बताई वजह

दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए किया गया क्लाउड सीडिंग का प्रयास पूरी तरह सफल नहीं हो पाया, क्योंकि IIT कानपुर के डायरेक्टर मनिंद्र अग्रवाल के अनुसार बादलों में नमी की मात्रा बहुत कम (15-20%) थी. अग्रवाल ने स्पष्ट किया कि क्लाउड सीडिंग प्रदूषण का स्थायी समाधान नहीं, बल्कि केवल संकट की स्थिति (SOS) के लिए एक अस्थायी उपाय है, लेकिन इससे कुछ राहत मिल सकती है.

(Photo : X)

Delhi Cloud Seeding Artificial Rain: दिल्ली को भयंकर प्रदूषण से राहत दिलाने के लिए मंगलवार को कुछ इलाकों में क्लाउड सीडिंग (कृत्रिम बारिश) का प्रयास किया गया, लेकिन यह पूरी तरह से सफल नहीं रहा. IIT कानपुर के डायरेक्टर, मनिंद्र अग्रवाल, जिन्होंने इस प्रयोग में दिल्ली सरकार के साथ काम किया है, ने इसके पीछे की वजह बताई है.

क्यों नहीं हुई बारिश?

मनिंद्र अग्रवाल ने बताया कि मंगलवार को बादलों में नमी (moisture) की मात्रा बहुत कम थी, जिसकी वजह से बारिश नहीं हो पाई.


आज फिर होगी कोशिश

निदेशक अग्रवाल ने बताया कि उनकी टीम बुधवार को भी दो और उड़ानें भरेगी और अच्छे नतीजों की उम्मीद कर रही है. उन्होंने साफ किया कि जब भी बादल होंगे, यह प्रक्रिया जारी रहेगी.

क्या क्लाउड सीडिंग प्रदूषण का पक्का इलाज है?

इस सवाल पर मनिंद्र अग्रवाल का जवाब एकदम स्पष्ट था: नहीं.

सरकार का क्या कहना है?

दिल्ली सरकार की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि क्लाउड सीडिंग के ट्रायल से कुछ जगहों पर प्रदूषण में कमी आई है.

संक्षेप में, क्लाउड सीडिंग भले ही पूरी तरह सफल न हुई हो, लेकिन यह एक उम्मीद की किरण है कि संकट की घड़ी में यह एक टूल के तौर पर काम आ सकता है.

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