पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव 2018: तृणमूल कांग्रेस का मुकाबला करने के लिए बीजेपी-CPM आई साथ
BJP ने 850 से अधिक मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में आगामी पंचायत चुनावों के मद्देनजर विचारधारा और राजनीति के लिहाज से एक-दूसरे के धुर विरोधी भारतीय जनता पार्टी (BJP) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को हराने के लिए नदिया जिले में हाथ मिला लिए हैं.

इसके साथ ही CPM के जिला स्तर के एक नेता ने इसे ‘सीट बांटने के लिए एक औपचारिक सामंजस्य’ बताते हुए कहा कि पार्टी को कई सीटों पर ऐसा करना पड़ा क्योंकि कई गांववाले तृणमूल के खिलाफ आर-पार की लड़ाई चाहते थे. CPM भाजपा को अक्सर ‘विभाजनकारी ताकत’ बताती रही है. भाजपा की नदिया जिला शाखा के अध्यक्ष ने इसे एक ‘अकेला मामला’ बताया.

दोनों दलों में यह भाईचारा अप्रैल के आखिरी हफ्ते में दिखना शुरू हुआ था जब दोनों दलों ने पंचायत चुनाव प्रक्रिया के दौरान तृणमूल कांग्रेस की कथित हिंसा के खिलाफ नदिया जिले के करीमपुर-राणाघाट इलाके में एक संयुक्त विरोध रैली का आयोजन किया था.  रैली के दौरान दोनों दलों के कार्यकर्ता अपने अपने झंडे लेकर पहुंचे थे.

CPM के नदिया जिला सचिव एवं राज्य समिति के सदस्य सुमित डे ने यह बात मानी कि पार्टी को जमीनी स्तर पर कई सीटों पर ऐसा करना पड़ा क्योंकि कई गांववाले तृणमूल के खिलाफ आर-पार की लड़ाई चाहते थे. उन्होंने कहा कि इसका पार्टी की नीति से कुछ लेना-देना नहीं है.

ज्ञात हो कि भाजपा (BJP) ने पश्चिम बंगाल में होने वाले पंचायत चुनाव में 850 से अधिक मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. पार्टी इतनी बड़ी संख्या में मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारने के साथ इस समुदाय के मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश में जुटी है.

वही पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए 9 उम्मीदवारों ने व्हाट्सएप के माध्यम से नामांकन दायर किया है.