Wayanad Landslides: वायनाड लैंडस्लाइड में अब तक 93 लोगों की मौत, सीएम विजयन ने दिया लेटेस्ट अपडेट
सीएम ने कहा, "वायनाड में भूस्खलन एक दिल दहला देने वाली आपदा है. वहां बहुत भारी बारिश हुई. पूरा इलाका नष्ट हो गया है. हमने अब तक 93 शव बरामद किए हैं, लेकिन संख्या बदल सकती है. 128 लोग घायल हैं, जिनका इलाज चल रहा है."
Wayanad Landslides: केरल के वायनाड में मंगलवार की भयावह मंजर दिखा. वायनाड लैंडस्लाइड की घटना से दहल गया है. देर रात हुई लैंडस्लाइड में 90 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. 100 से ज्यादा लोग घायल हैं. केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने लेटेस्ट अपडेट शेयर किया. सीएम ने कहा, "वायनाड में भूस्खलन एक दिल दहला देने वाली आपदा है. वहां बहुत भारी बारिश हुई. पूरा इलाका नष्ट हो गया है. हमने अब तक 93 शव बरामद किए हैं, लेकिन संख्या बदल सकती है. 128 लोग घायल हैं, जिनका इलाज चल रहा है." सीएम पिनाराई विजयन ने कहा कि ये सभी लोग कल रात सो गए थे. कुछ शव बह गए.
सीएम ने कहा कि पहला भूस्खलन सुबह करीब 2 बजे हुआ. फिर सुबह 4:10 बजे फिर से भूस्खलन हुआ. इस वजह से कई जगहें अलग-थलग पड़ गईं. इलाके में एक नदी दो दिशाओं में विभाजित हो गई. जान-माल को भारी नुकसान पहुंचा है. हम बचाव अभियान जारी रखने के लिए हर संभव तरीके का इस्तेमाल करेंगे.
93 शव बरामद: CM पिनाराई विजयन
सेना-नेवी चला रही है ऑपरेशन
वायनाड में रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए सेना के साथ-साथ नेवी को भी उतार दिया गया है. जानकारी के मुताबिक लैंडस्लाइड मंगलवार की सुबह तड़के करीब 2 बजे हुई. इसके बाद सुबह करीब 4.10 बजे फिर एक बार लैंडस्लाइड हुई. लैंडस्लाइड के चलते सैकड़ों लोग मलबे में फंस गए, जिन्हें बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. हादसे में मरने वालों का आंकड़ा और भी बढ़ सकता है.
एक के बाद एक तीन भूस्खलन से तबाह हुआ वायनाड
जैसे ही वायनाड में मूसलाधार बारिश हुई, चूरलमाला गांव का एक बड़ा हिस्सा शहर के सबसे भीषण भूस्खलन में बह गया. बचावकर्मी, जिन्हें जीवित बचे लोगों की मदद के लिए लगाया गया था, उनका कहना है कि उन्हें अंदाजा ही नहीं था कि आपदा कितनी बड़ी है. रात 2 बजे से सुबह 6 बजे के बीच इलाके में एक के बाद एक 3 भूस्खलन हुए.
भारी भूस्खलन के बाद दुकानों और वाहनों सहित चूरलमाला शहर का एक हिस्सा लगभग पूरी तरह से बर्बाद हो गया है. एक के बाद एक दो से तीन बार भूस्खलन हुआ, इससे लोगों को संभलने का मौका ही नहीं मिला.