नई दिल्ली, 17 नवंबर : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को उन मीडिया रिपोटरें को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि राजनीतिक दबाव के कारण कोवौक्सिन निर्माता भारत बायोटेक ने कुछ प्रक्रियाओं को छोड़ दिया और नैदानिक परीक्षणों को तेज कर दिया. मंत्रालय ने कहा, भारत सरकार और राष्ट्रीय नियामक केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण के लिए कोविड-19 टीकों को मंजूरी देने में वैज्ञानिक ²ष्टिकोण और निर्धारित मानदंडों का पालन किया है.
मीडिया रिपोटरें में दावा किया गया था कि स्वदेशी कोवैक्सिन के निर्माता भारत बायोटेक को कुछ प्रक्रियाओं को छोड़ना पड़ा और राजनीतिक दबाव के कारण नैदानिक परीक्षणों को तेज करना पड़ा. मंत्रालय ने कहा कि सीडीएससीओ की विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने 1-2 जनवरी, 2021 को बैठक की और विचार-विमर्श के बाद टीके के आपातकालीन अनुमोदन के प्रस्ताव के संबंध में सिफारिशें कीं. मंत्रालय ने यह भी जोड़ा कि जनवरी 2021 में कोवैक्सिन को प्रतिबंधित आपातकालीन उपयोग के लिए अनुमोदित किए जाने से पहले विषय विशेषज्ञ समिति ने टीके की सुरक्षा और प्रतिरक्षण क्षमता पर डेटा की समीक्षा की और क्लिनिकल परीक्षण में प्रचुर सावधानी के रूप में जनहित में आपातकालीन स्थिति में उपयोग की अनुमति देने की सिफारिश की. यह भी पढ़ें : COVID-19 Update: देश में कोविड-19 के 635 नए मामले सामने आए, 11 और मरीजों की मौतें हुई
कोवैक्सिन की प्रस्तावित खुराक के तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षण के लिए एसईसी की मंजूरी वैज्ञानिक डेटा और स्थापित प्रथाओं पर आधारित थी. मंत्रालय ने कहा कि भारत बायोटेक द्वारा प्रस्तुत और सीडीएससीओ के एसईसी द्वारा अंतरिम प्रभावकारिता और सुरक्षा डेटा के आकलन के आधार पर 11 मार्च, 2021 को 'क्लिनिकल ट्रायल मोड' में वैक्सीन के प्रशासन की शर्त को हटा दिया गया था. विभिन्न शर्तों और प्रतिबंधों के साथ आपातकालीन स्थिति में कोवैक्सिन सहित कोविड-19 अन्य टीकों के इस्तेमाल की अनुमति राष्ट्रीय नियामक द्वारा दिया गया था.