VVIP Chopper Case: आईडीएस ने दसॉ के भुगतान के बाद इंटरस्टेलर को 7.4 लाख यूरो भेजे
चंडीगढ़ स्थित आईडीएस इंफोटेक लिमिटेड ने इंटरस्टेलर होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड को 7,40,128 यूरो का कमीशन दिया, जिसे अब इंटरस्टेलर तकनीक के नाम से जाना जाता है.
नई दिल्ली, 14 अप्रैल : चंडीगढ़ स्थित आईडीएस इंफोटेक लिमिटेड ने इंटरस्टेलर होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड को 7,40,128 यूरो का कमीशन दिया, जिसे अब इंटरस्टेलर तकनीक के नाम से जाना जाता है. मई 2003 से नवंबर 2006 के बीच एक परियोजना के लिए फ्रांसीसी रक्षा प्रमुख दसॉ एविएशन (Dasha Aviation) से भुगतान प्राप्त होने पर सीबीआई ने 3,600 करोड़ रुपये के वीवीआईपी अगस्तावेस्टलैंड मामले में अपनी चार्जशीट में दावा किया है. दसॉ एविएशन ने बाद में 36 राफेल लड़ाकू विमानों की आपूर्ति के लिए भारत के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे. पिछले साल सितंबर में दाखिल 12,421 पेज की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की सप्लीमेंट्री चार्जशीट को आईएएनएस ने देखा है.
सीबीआई ने कहा कि आईडीएस इंफोटेक लिमिटेड के मुख्य वित्तीय अधिकारी के रूप में काम करने वाले धीरज अग्रवाल ने 18 मार्च, 2019 को एजेंसी को दिए अपने बयान में दावा किया था कि वह व्यापारी सुशेन मोहन गुप्ता को जानता था क्योंकि वह आईडीएस इंफोटेक के अध्यक्ष और कंपनी के समग्र प्रभारी स्वर्गीय सतीश बगरोडिया के बेटे मनीष बगरोडिया के रिश्तेदार थे.
उन्होंने कहा, आईडीएस इंफोटेक लिमिटेड ने इंटरस्टेलर टेक्नोलॉजीज के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसे तब तारे के बीच होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड के रूप में जाना जाता था. यह भी पढ़ें : West Bengal: दिल्ली में निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से मुलाकात करेगा टीएमसी का प्रतिनिधिमंडल
उन्होंने कहा, आईडीएस इंफोटेक को जोड़ने से वकील गौतम खेतान द्वारा भेजा गया एक समझौता प्राप्त हुआ, जो पहले से ही तारे के बीच होल्डिंग्स लिमिटेड की ओर से हस्ताक्षरित था . खेतान को सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दो बार गिरफ्तार किया था. फिलहाल वह जमानत पर बाहर है. अग्रवाल ने हालांकि कहा कि केवल खेतान ही बता सकते हैं कि तारे के बीच होल्डिंग्स लिमिटेड की ओर से समझौते पर किसने हस्ताक्षर किए थे. सीबीआई को दिए अपने बयान में उन्होंने कहा- समझौते के अनुसार, दसॉ एविएशन के साथ कुल कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू के कमीशन का 40 फीसदी हिस्सा एजेंट को इंटरस्टेलर होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड के खाते में देना था.
उन्होंने आगे बताया कि खेतान ने कमीशन के लिए समझौते की संरचना की, क्योंकि वह आईडीएस इंफोटेक लिमिटेड, चंडीगढ़ के अटॉर्नी थे. अग्रवाल ने यह भी कहा कि खेतान ने उन्हें और आईडीएस इंफोटेक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक प्रताप कृष्ण अग्रवाल को बैंकिंग चैनलों के माध्यम से भुगतान तारे के बीच होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड को भेजने के लिए कहा था . उन्होंने कहा कि आईडीएस इंफोटेक लिमिटेड ने भारतीय रिजर्व बैंक से अनुमोदन प्राप्त करने के बाद खेतान के निर्देशों के अनुसार, इंटरस्टेलर होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड, मॉरीशस के खातों में बैंकिंग चैनलों के माध्यम से भुगतान प्रेषित किया था.