लखनऊ, 23 मार्च : वन विभाग द्वारा मोहम्मद आरिफ से रायबरेली के सलोन स्थित समसपुर पक्षी विहार लाया गया सारस गायब हो गया है. 'बच्चा' बुलाने पर जवाब देने वाला सारस बुधवार शाम से नजर नहीं आ रहा है. क्षेत्रीय वन अधिकारी रूपेश श्रीवास्तव ने बताया कि वनकर्मी पक्षी की तलाश कर रहे हैं. सारस अमेठी निवासी मोहम्मद आरिफ के साथ एक साल से रह रहा था. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव उसे देखने के लिए आरिफ के घर गए थे. मामले के चर्चित होने के बाद वन अधिकारी आरिफ के घर गए और यह कहते हुए उसे ले गए कि सारस एक जंगली पक्षी है और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत इसे कैद में नहीं रखा जा सकता है.
अखिलेश यादव ने मोहम्मद आरिफ से सारस को वापस लेने के फैसले की कड़ी आलोचना की और कहा कि चूंकि वह वहां गए थे, इसलिए सारस को ले जाया गया. एक वरिष्ठ वन अधिकारी ने कहा कि यह संभव है कि पक्षी आरिफ की तलाश में उड़ गया हो और रास्ता भटक गया हो लखनऊ मंडल वन अधिकारी रवि सिंह ने बताया कि वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत 'सारस' एक जंगली पक्षी है. उन्होंने कहा, हमारे पास इसकी रक्षा और पालन-पोषण के लिए एक प्रणाली है. यह भी पढ़ें : रमेश का सीबीआई से आग्रह: पूर्ववर्ती संगमा सरकार को ‘भ्रष्ट’ बताने वाले शाह के बयान को लेकर जांच हो
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उप्र वन-विभाग द्वारा अमेठी से ज़बरदस्ती ले जाकर रायबरेली के समसपुर पक्षी विहार में छोड़ा गया ‘बहुचर्चित सारस’ अब लापता है। उप्र के राज्य-पक्षी के प्रति ऐसी सरकारी लापरवाही एक गंभीर विषय है।
भाजपा सरकार तत्काल सारस खोजे, नहीं तो पूरी दुनिया के पक्षी-प्रेमी आंदोलन करेंगे।… pic.twitter.com/MPaIlaKLgj
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 23, 2023
आप इसके पंखों को छू नहीं सकते हैं या इसे अपने पास नहीं रख सकते हैं. किसी भी मानवीय स्पर्श की अनुमति नहीं है. सारस को पालतू नहीं बनाया जा सकता और मनुष्यों के साथ संपर्क की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि पक्षी को कीड़े, मछली का आहार दिया जाना चाहिए. आरिफ ने कहा कि सारस के गायब होने से वह चिंतित है और उम्मीद है कि वह जल्द ही मिल जाएगा.